झारखंड में अभी तक एनडीए और ‘इंडिया’ के नेता ही आपस में एक दूसरे को मात देने के लिए लड़-भिड़ रहे थे। इस सियासी खेल को रोचक बनाने के लिए अब जयराम महतो के जेबीकेएसएस भी एंट्री मारने की तैयारी में है। उन्होंने घोषणा की है कि झारखंड विधानसभा की सभी सीटों पर उनकी पार्टी के कैंडिडेट चुनाव लड़ेंगे। झारखंड में जेबीकेएसएस के जयराम महतो नए कुर्मी नेता के रूप में उभर रहे हैं। अभी तक कुर्मी नेता के रूप में आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो की ही पहचान थी। सुदेश महतो अभी एनडीए के साथ हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में जयराम महतो ने पहले ही प्रयास में जो कमाल किया है, वह हर दल और गठबंधन के लिए खतरे की घंटी है।ओबीसी के कुर्मी समुदाय से आने वाले जयराम महतो के नेतृत्व वाली झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनावों में झारखंड की राजनीति में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाली जेबीकेएसएस भले एक भी सीट नहीं जीत पाई, लेकिन उसके उम्मीदवारों को मिले वोटों ने सबको चौंका दिया है। गिरिडीह संसदीय सीट पर तो खुद जयराम ही उम्मीदवार थे। जयराम 3.47 लाख वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन अपनी उपस्थिति से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रत्याशी मथुरा प्रसाद महतो का खेल उन्होंने बिगाड़ दिया। मथुरा महतो को 3.7 लाख वोट मिले। जेबीकेएसएस ने आठ संसदीय सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। चुनाव तक जेबीकेएसएस राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत नहीं था। उसके सारे उम्मीदवार निर्दलीय रूप में लड़े। गिरिडीह, रांची, हजारीबाग, कोडरमा, सिंहभूम, धनबाद, दुमका और चतरा सीटों पर जेबीकेएसएस ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
अब राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड हो चुकी जेबीकेएसएस की योजना उन सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है, जहां उसके उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव में अच्छी बढ़त मिली थी। रांची में जेबीकेएसएस के नेता देवेंद्र नाथ महतो को पहली बार में ही 1.32 लाख वोट मिले। कुर्मी बहुल विधानसभा क्षेत्र सिल्ली में देवेंद्र दूसरे नंबर पर रहे। सिल्ली से जेबीकेएसएस प्रमुख सुदेश महतो अभी विधायक हैं। वे भी कुर्मी जाति से ही आते हैं। हजारीबाग में जेबीकेएसएस कैंडिडेट को 1.57 लाख वोट मिले। झारखंड में कुर्मी आबादी 15 प्रतिशत मानी जाती है। लोकसभा चुनाव में जेबीकेएसएस का जैसा परफॉर्मेंस रहा, उससे एक बात साफ हो गई है कि झारखंड में अब सुदेश महतो ही एकमात्र कुर्मी समाज के नेता नहीं रहे। जयराम महतो की पार्टी अगर विधानसभा चुनाव में उतरती है तो लगभग 30-35 सीटों पर वह असरदार साबित होगी।सिल्ली, रामगढ़, मांडू, गोमिया, डुमरी और ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में कुर्मी वोटर 75 प्रतिशत से अधिक हैं।