नई दिल्ली : ट्रंप सरकार के कैबिनेट से पाकिस्तान को हुई टेंशन। ऐसा कहने की वजह है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में वापसी का रास्ता साफ कर लिया है। चुनाव में जीत के बाद अब ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनेंगे। 20 जनवरी, 2025 को ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार शपथ लेंगे और उनकी शपथ ग्रहण के लिए एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होगा। यह आयोजन अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग में होगा, जो अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. में स्थित है। ट्रंप की सरकार बनते ही नए कैबिनेट का भी गठन होगा और अलग-अलग मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी अलग-अलग सदस्यों को मिलेगी। ट्रंप ने अपने प्रशासन के लिए कई सदस्यों को चुन लिया है। हालांकि ट्रंप का कैबिनेट अब पाकिस्तान की चिंता की वजह बन गया है।
भारत समर्थक कैबिनेट
ट्रंप ने अपने कैबिनेट में अब तक जितने सदस्यों को चुना है, उनमें से ज़्यादातर भारत के समर्थक हैं और समय-समय पर भारत-अमेरिका संबंधों में मज़बूती के साथ ही कई मुद्दों पर खुलकर भारत का पक्ष भी लिया है। ऐसे में आने वाले समय में भी यह संभव है कि ट्रंप के कैबिनेट के ये सदस्य भारत-अमेरिका संबंधों को प्राथमिकता देंगे और इनमें मज़बूती के लिए काम करेंगे। इस वजह से पाकिस्तान चिंतित है।
शरीफ सरकार परेशान
पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ और उनकी सरकार ट्रंप के कैबिनेट सदस्यों के चयन से परेशान है। शरीफ सरकार का मानना है कि ट्रंप के कैबिनेट के ज़्यादातर सदस्यों का भारत का समर्थक होने से पाकिस्तान को बिल्कुल भी प्राथमिकता नहीं मिलेगी।
पाकिस्तानी सेना में भी खलबली
ट्रंप के कैबिनेट सदस्यों के चयन से पाकिस्तानी सेना में भी खलबली है। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर ट्रंप के कैबिनेट सदस्यों के भारत समर्थक होने को चिंता की बात मानते हैं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने तो ट्रंप की टीम से इस बारे में संपर्क करना भी शुरू कर दिया है।