आचार्य पंडित सनत कुमार द्विवेदी
बिलासपुर (छत्तीसगढ़) : हिंदू धर्म में खरमास का महीना शुभ नहीं माना जाता है। खरमास के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिकर कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि खरमास में पूजा-पाठ करना अच्छा माना जाता है। आपको बता दें कि जब सूर्य मीन या धनु राशि में गोचर (प्रवेश) करते हैं तो इस राशि परिवर्तन के कारण खरमास शुरू होता है। यानी कि सूर्य के मीन राशि में गोचर करते ही खरमास शुरू हो जाता है। इस दिन से बंद हो जाएंगे सभी मांगलिक कार्य, लग जाएगा खरमास. ..। तो आइए जानते हैं कि इस साल खरमास कब से शुरू हो रहा है और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
खरमास कब शुरू और खत्म होगा?
इस साल 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है। खरमास समाप्त 14 जनवरी 2025 को होगा। पंचांग के मुताबिक, 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर सूर्य धनु राशि में गोचर करेंगे, जिसे धनु संक्रांति कहा जाता है। सूर्य के धनु राशि में गोचर करते ही खरमास शुरू हो जाएगा, जो कि 14 जनवरी तक रहगा।
खरमास के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- खरमास के दौरान शादी-विवाह ,गृह प्रवेश, सगाई जैसे मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है।
- खरमास में तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
- खरमास के दौरान कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए।
- किसी की जन्मकुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में है तो खरमास में गुरु ग्रह से संबंधित उपाय करना चाहिए।
- खरमास में सूर्यदेव और विष्णु जी की पूजा करना फलदायी होता है।
- खरमास के दौरान नई वधू का गृह प्रवेश भी नहीं कराना चाहिए।
- खरमास में मुंडन और नामकरण जैसे कार्य भी नहीं किए जाते हैं।
- खरमास के दौरान विष्णु मंत्र का जाप करना अत्यंत ही फलदायी माना जाता है।