Bridge : मनिहारी और साहेबगंज को जोड़ने वाला गंगा पुल 2026 के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस पुल का निर्माण मध्य प्रदेश की एक कंपनी द्वारा किया जा रहा। यह पुल पूर्णिया से साहेबगंज हाईवे का अहम हिस्सा है। इससे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और नेपाल के लोगों को काफी फायदा होगा। पुल की लागत करीब 2000 करोड़ रुपये है और इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में किया था।
2026 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद
मनिहारी-साहेबगंज गंगा पुल का निर्माण कार्य जोरों पर है। इस पुल के 2026 के अंत तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। इस पुल को बनाने का ठेका मध्य प्रदेश की एक कंपनी को दिया गया है। यह पुल पूर्णिया से साहेबगंज तक बन रहे हाईवे का अहम हिस्सा है। पूर्णिया से नारायणपुर तक पहला चरण पूरा हो चुका है। नारायणपुर से साहेबगंज तक दूसरा चरण अभी निर्माणाधीन है।
50 वर्षों से हो रही थी पुल निर्माण की मांग
पुल के कई पिलर खड़े हो चुके हैं और कुछ पर सुपर स्ट्रक्चर भी लगाया जा चुका है। काम की तेज गति को देखते हुए कहा जा सकता है कि 2026 में बिहार और झारखंड के लोगों को यह पुल बड़ी सौगात के रूप में मिलेगा। इस पुल की मांग पिछले 50 वर्षों से की जा रही थी।
बंगाल-ओडिशा और नेपाल के लोगों को मिलेगा लाभ
मनिहारी और साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर पुल बनाने का काम 1 नवंबर 2020 को शुरू किया गया था। इसे अक्टूबर 2024 तक पूरा करना था। लेकिन बाद में इसे अप्रैल 2025 तक बढ़ा दिया गया था। अब ऐसा लग रहा है कि अप्रैल 2025 तक भी काम पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए अब इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इन देशों को भी फायदा
यह प्रोजेक्ट करीब 2000 करोड़ रुपये का है। बिहार और झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और नेपाल के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। मनिहारी के नारायणपुर से साहेबगंज के महादेवगंज तक पुल की लंबाई 21.5 किलोमीटर है।
पीएम ने किया था शिलान्यास
पुल निर्माण से साहेबगंज-सीमांचल के बीच आवागमन आसान होगा वर्तमान में गंगा नदी पर पुल नहीं होने के कारण मनिहारी और साहेबगंज के बीच नाव से मिट्टी, पत्थर और बालू का व्यापार होता है। पुल बन जाने से सीमांचल तक इन चीजों का परिवहन सस्ता हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को झारखंड के साहेबगंज में एक कार्यक्रम में इस पुल का शिलान्यास किया था।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
इससे दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी। यह क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस पुल के बनने से कई लाभ होंगे। यात्रा का समय कम होगा। व्यापार में तेजी आएगी। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ेगा। यह पुल क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।
रोजगार के नए अवसर मिलेंगे
इस पुल के निर्माण से दोनों राज्यों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा। व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पुल क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। कुल मिलाकर यह पुल बिहार और झारखंड के लिए वरदान साबित होगा।
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