Mahakumbh 2025 : हिंदू धर्म शास्त्रों में अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है. साल में 12 अमावस्या होती हैं. माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या मौनी अमावस्या कही जाती है. मौनी पर स्नान-दान बहुत शुभकारी माना गया है. इस दिन स्नान-दान से पुण्य मिलता है. मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है. इस दिन महादेव की पूजा बहुत पुण्यकारी मानी गई है.
हिंदू धर्म में किसी भी काम को शुभ दिन, शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त देखकर शुरू किया जाता है. इन सबके बारे में जानने के लिए पंचांग की जरूरत पड़ती है. जिसकी मदद से आप आने वाले दिनों के शुभ और अशुभ समय के साथ सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, चन्द्रास्त, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में सारी जानकारी ले सकें.
मौनी अमावस्या पर बनेंगे कई शुभ योग
इस बार मौनी अमावस्या पर कई शुभ और दुर्लभ योगों का निर्माण हो रहा है. इन योगों में महादेव के पूजन से अक्षय फल प्राप्त हो जाएंगे. जीवन के सभी दुख दूर होंगे. मौनी अमावस्या कब है. साथ ही इस दिन किन शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है. मौनी अमावस्या पर महादेव का पूजन कैसे करना चाहिए. आइए जानते हैं.
मौनी अमावस्या की तिथि
पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि आज शाम 7 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी. इसी तिथि का समापन कल 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या का व्रत 29 जनवरी को ही रखा जाएगा. महाकुंभ में मौनी अमावस्या का अमृत स्नान भी 29 जनवरी को किया जाएगा.
मौनी अमावस्या पर बनेंगे ये शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र योग का निर्माण होगा. इस योग में गंगा स्नान करने से महापुण्य प्राप्त होता है. इस योग का निर्माण मौनी अमावस्या के दिन सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर होगा. इस योग में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. इस योग में पूजा का दोगुना फल मिलेगा. मौनी अमावस्या पर शिववास योग का भी निर्माण होगा. इस योग के समय भगावान शिव के पूजन करने से सुख और सौभाग्य बढ़ेगा. साथ ही रुके हुए सारे काम पूरे हो जाएंगे.
मौनी अमावस्या के दिन सिद्धि योग का निर्माण भी होगा. मौनी अमावस्या पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के योग का भी निर्माण होगा. इस योग में जो भी भगवान शिव की पूजा करेगा उसको स्वर्ग में मिलने वाले सुख प्राप्त होंगे.
शिवजी पूजन की विधि
- मौनी अमावस्या पर शुभ मुहूर्त में स्नान करना चाहिए.
- इसके बाद पूजा स्थल की साफ सफाई करनी चाहिए.
- फिर शिव परिवार की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए.
- पूजा के समय भगवान शिव को पूजा के समय बेल पत्र, भांग धतूरा चढाएं.
- भगवान शिव को उन्हें धूप-दीप दिखाना चाहिए.
- गंगाजल में बेल पत्र और पान के पत्ते डालकर भगवान शिव की आरती करनी चाहिए.
करें तुलसी के पौधे की पूजा
मौनी अमावस्या के दिन तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही अगर आप इस दिन शाम के समय तुलसी के सामने दीपक जलाएं और कच्चा दूध अर्पित करें. ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
मौनी अमावस्या पर करें पीपल के पेड़ की पूजा
मान्यता अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं. ऐसे में अगर आप इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करेंगे और उसके नीचे सरसों का दीपक जलाएंगे, तो ऐसा करने से आपको पितरों की कृपा प्राप्त होगी. इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी. साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिलेगा.
अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.25 बजे से 6.18 बजे तक रहेगा. इसके बाद प्रातः संध्या मुहूर्त 5.51 बजे से 7.11 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 6 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. वहीं लाभ चौघड़िया सुबह 7 बजकर 11 मिनट तर रहेगी. साथ ही अमृत चौघड़िया सुबह 8 बजकर 31 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट तक है. इस बीच आप दान- स्नान कर सकते हैं.
मौनी अमावस्या अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.25 बजे से 6.18 बजे तक रहेगा. इसके बाद प्रातः संध्या मुहूर्त 5.51 बजे से 7.11 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन दान- स्नान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन पितृ तर्पण और पिंड दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और धन- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
मौनी अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप
ॐ श्री पितराय नम:
ॐ श्री पितृदेवाय नमः
ॐ श्री पितृभ्य: नम:
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात् ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च. नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: ॐ आद्य भूताय विद्महे सर्व सेव्याय धीमहि. शिव-शक्ति स्वरूपेण पितृ देव प्रचोदयात्
बन रहा है त्रिवेणी योग
वैदिक ज्योतिष अनुसार मौनी अमावस्या पर इस बार मकर राशि में एक साथ सूर्य, बुध और चंद्रमा विराजमान होकर त्रिवेणी योग बनाएंगे. इसी के साथ इन सभी पर गुरु की नवम दृष्टि भी रहने वाली है. साथ ही इस दिन शुक्र ग्रह मालव्य राजयोग भी बना रहे हैं…