Stampede in Mahakumbh 2025 : महाकुंभ मेला 2025 में मंगलवार देर रात हुई भगदड़ में कई लोगों के हताहत होने से अखाड़ों के संत भी व्यथित हैं। सभी अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वामी रामभद्राचार्य समेत कई साधु-संतों और कथावाचकों ने श्रदधालुओं से अपील की है कि वे भीड़ और ऐसे हालात को देखते हुए संगम पर स्नान की जिद छोड़ें और मेला क्षेत्र के किसी भी घाटों पर स्नान करें।
संगम नोज की तरफ जाने का प्रयास न करें: योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जो मां गंगा के जिस घाट के समीप है, वहीं स्नान करे, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नान के लिए कई स्नान घाट बनाए गए हैं। कहीं भी स्नान किया जा सकता है। प्रशासन के निर्देशन का अनुपालन करें। व्यवस्था बनाने में सहयोग करें. किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।
अब वसंत पंचमी पर अखाड़े स्नान करेंगे : अखाड़ा परिषद अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि जो घटना हुई उससे हम बहुत दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे। जनहित में हमने फैसला किया कि अखाड़े आज मौनी अमावस्या स्नान में भाग नहीं लेंगे। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं। यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट पहुंचना चाहते थे, इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए।
साध्वी निरंजना ज्योति ने कहा कि यह एक दुखद घटना है। जो कुछ भी हुआ वह ठीक नहीं था। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अपना अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है। संगम पर एकत्रित श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक है। वह लोगों से अपील करती हैं कि पूरा मेला क्षेत्र कुंभ है, इसलिए वे केवल त्रिवेणी घाट ही नहीं बल्कि किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं।
स्वामी रामभद्राचार्य की अपील
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुंभ भगदड़ के बाद कहा है, “मैं सभी भक्तों से अपील करता हूं कि आज प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ी है, इसलिए वे केवल संगम घाट पर ही पवित्र स्नान करने की जिद न करें। अभी उन्हें अपना शिविर नहीं छोड़ना चाहिए और अपनी सुरक्षा की तलाश करें।”
संगम पर जाने की जिद छोड़ें
आध्यातिक गुरु देवकी नंदन ठाकुर ने कहा है, “मैं संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा होती है। मेरी लोगों से अपील है कि संगम घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें। पूरी गंगा और यमुना नदियां इस समय ‘अमृत’ हैं।”