Waqf Amendment Bill : इन दिनों पूरे देश में वक्फ बोर्ड की चर्चा हो रही है। हर किसी के जुबान पर एक ही शब्द वक्फ बोर्ड। केंद्र की सरकार आज संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2025 पर चर्चा कर रही है। इसे सांसद में पास कराने की भी बात है। तो सबसे पहले यह समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर वक्फ कहते किसे हैं। दरअसल, ‘वक्फ’ अरबी भाषा के ‘वकुफा’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है- ठहरना या रोकना। कानूनी शब्दों में समझने की कोशिश करें तो वक्फ उसे कहते हैं, ‘इस्लाम में कोई व्यक्ति जब धार्मिक वजहों से या ईश्वर के नाम पर अपनी प्रॉपर्टी दान करता है तो इसे प्रॉपर्टी को वक्फ कर देना यानी रोक देना कहते हैं।’ फिर वो चाहे कुछ रुपये हों प्रॉपर्टी हो, बहुमूल्य धातु हो या घर मकान या जमीन। दान की गई इस प्रॉपर्टी को ‘अल्लाह की संपत्ति’ कहा जाता है और अपनी प्रॉपर्टी वक्फ को देने वाला इंसान ‘वकिफावकिफा द्वारा दान की गई या वक्फ की गई इन संपत्तियों को बेचा नहीं जा सकता, इसका उपयोग धर्म के अलावा किसी और मकसद के लिए नहीं किया जा सकता। कहा जाता है कि मुस्लिम धर्मगुरु पैगंबर मोहम्मद के समय 600 खजूर के पेड़ों का एक बाग सबसे पहले वक्फ किया गया था और इससे होने वाली कमाई से मदीना के गरीबों की मदद की जाती थी।
भारत में कब बना था वक्फ एक्ट
अब जानते हैं कि भारत में वक्फ की परंपरा कब शुरू हुई तो बता दें कि इसका इतिहास 12वीं सदी में दिल्ली सल्तनत के समय से जुड़ा है और भारत में आजादी के बाद 1954 में पहली बार वक्फ एक्ट बना था और फिर साल 1995 में इस एक्ट में कुछ संशोधन किए गए थे। फिर नया वक्फ एक्ट बना और इसमें साल 2013 में भी कई बदलाव किए गए।
साल 2013 के बाद 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ एक्ट में संशोधन कर नया वक्फ बिल पेश किया गया, जिसके खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। विरोध के बाद बिल का ड्राफ्ट तैयार किया गया और इसे संसद की जेपीसी को भेज दिया गया, जिस पर चर्चा हुई और 27 जनवरी 2025 को जेपीसी ने बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी देकर सुझाए गए 14 संशोधनों को स्वीकार किया। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश की गई। 19 फरवरी 2025 को कैबिनेट की बैठक में वक्फ के संशोधित बिल को मंजूरी मिल गई और अब आज यानी दो फरवरी को यह बिल संसद में पेश होगा, जिसपर 8 घंटे की बहस होगी और फिर इस पर वोटिंग होगी।
वक्फ एक्ट में संशोधन क्यों किया गया?
2022 से अब तक देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में वक्फ एक्ट से जुड़ी करीब 120 याचिकाएं दायर की गईं थीं जिसमें मौजूदा वक्फ कानून में कई खामियां बताई गईं। इनमें से करीब 15 याचिकाएं मुस्लिमों की तरफ से हैं, जिसमें सबसे बड़ा तर्क यह था कि एक्ट के सेक्शन 40 के मुताबिक, वक्फ किसी भी प्रॉपर्टी को अपनी प्रॉपर्टी घोषित कर सकता है। इसके खिलाफ कोई शिकायत भी वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल में ही की जा सकती है और इस पर अंतिम फैसला ट्रिब्यूनल का ही होता है। आम लोगों के लिए वक्फ जैसी ताकतवर संस्था के फैसले के कोर्ट में चैलेंज करना आसान नहीं है।