Trump Tariff : देश की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘टैरिफ’ मिसाइल का मुंह भारत के सामने से हट गई है. इसका मतलब है कि अब भारत पर अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगेगा. व्हाइट हाउस की ओर से इसके हटने के आदेश जारी हो गए हैं. ये आदेश उस बयान के बाद आया है, जब ट्रंप ने दुनिया के 60 देशों पर से टैरिफ को 3 महीने के टालने का दिया था. व्हाइट हाउस की ओर से इस आदेश के आने के बाद शुक्रवार को शेयर बाजार में तेजी का माहौल देखने को मिल सकता है. जिसकी वजह से शेयर बाजार निवेशकों के चेहरों पर स्माइल आ सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत के लिए टैरिफ हटाने को लेकर अमेरिकी व्हाइट हाउस का किस तरह का आदेश आया है.
व्हाइट हाउस का आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त सीमा शुल्क को इस साल 9 जुलाई तक स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया है. इस सरकारी आदेश के मुताबिक, भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है. इसके पहले दो अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 60 देशों से आयातित उत्पादों पर शुल्क लगाने और भारत जैसे देशों पर अलग से उच्च शुल्क लगाने की घोषणा की थी. ट्रंप के इस कदम से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में झींगा से लेकर इस्पात उत्पादों तक की बिक्री प्रभावित होने का अंदेशा था. उनके इस कदम का उद्देश्य अमेरिका के बड़े व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना था.
अमेरिका उन देशों के लिए टैरिफ को 10% बेसलाइन तक लाने को तैयार है जो मोलभाव के लिए आगे आ रहे हैं. भारत को भी इस फैसले में फायदा मिला है. अमेरिका ने भारत पर 26% आयात शुल्क लगाया था, लेकिन दवाइयों और सेमीकंडक्टर सेक्टर को छूट दी गई है. अब भारत को 90 दिनों की राहत मिली है, जिससे व्यापारिक मोर्चे पर नई उम्मीद जगी है.
बेस रेट रहेगा लागू
अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया जो थाइलैंड, वियतनाम और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में कम है. शुल्क वृद्धि का यह आदेश नौ अप्रैल से प्रभावी हो गया था लेकिन ट्रंप ने अब इसे 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. हालांकि, शुल्क का यह निलंबन हांगकांग, मकाऊ के अलावा चीन पर लागू नहीं है. इसके साथ ही व्हाइट हाउस के आदेश में कहा गया है कि संबंधित देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत आधार शुल्क लागू रहेगा. एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि इस्पात, एल्युमीनियम (12 मार्च से प्रभावी) और वाहन एवं वाहन कलपुर्जा (तीन अप्रैल से) पर लगा 25 प्रतिशत शुल्क भी जारी रहेगा. निर्यातकों के निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि सेमीकंडक्टर, दवा और कुछ ऊर्जा उत्पाद शुल्क पर छूट की श्रेणी में हैं.
क्यों होगी भारत की चांदी?
ऐसा माना जा रहा है कि अब कई अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां चीन से हटकर भारत जैसे देशों का रुख कर सकती हैं जहां व्यापारिक माहौल स्थिर है और टैरिफ कम हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही ट्रंप के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक संकेत दे चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि ये डील इसी साल फाइनल हो जाएगी.
वहीं ट्रंप प्रशासन ने साफ किया है कि ये कदम किसी ट्रेड वॉर का हिस्सा नहीं बल्कि उन देशों के खिलाफ कार्रवाई है जो वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा कर रहे हैं. अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने चीन का नाम लिए बिना इशारा साफ कर दिया कि टारगेट कौन है. उन्होंने बताया कि अमेरिका जिन देशों से बातचीत कर रहा है, उनमें जापान, साउथ कोरिया, वियतनाम और भारत शामिल हैं.
शेयर बाजार में आ सकती है तेजी
इस आदेश के आद भारत के शेयर बाजार में शुक्रवार को तेजी देखने को मिल सकती है. जिसकी वजह से भारत के शेयर बाजार निवेशकों को थोड़ी राहत मिल सकती है. आंकड़ों के अनुसार बुधवार को शेयर बाजार करीब 380 अंकों गिरावट के साथ बंद हुआ था. सितंबर के हाई से शेयर बाजार अब तक 15 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. जिसकी वजह से निवेशकों को करीब 70 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. जानकारों की मानें तो शेयर बाजार में गिरावट आने से कई कंपनियों के शेयरों की वैल्यू में कमी आई है, जिसकी वजह से वो काफी आकर्षक हो गए हैं. हाल ही में दुनिया की सबसे बड़ी असेट मैनेज्मेंट कंपनी ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक ने कहा था कि दुनियाभर के बाजारों में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है.
चीन और अमेरिका में जारी है टैरिफ जंग
चीन ने भी ट्रंप सरकार को जवाब देने की कोशिश की और 10 अप्रैल से अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को 34% से बढ़ाकर 84% कर दिया. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने तुरंत पलटवार करते हुए चीन पर 125% टैरिफ लगाने की घोषणा की. बेसेन्ट का कहना है कि यह रणनीति सफल रही है क्योंकि 75 से ज्यादा देश अब अमेरिका के साथ बातचीत की मेज पर आ चुके हैं.