Pahalgam Terror Attack : गोपालगंज : फिलहाल पाकिस्तानी मीडिया में नेहा सिंह राठौर छायी हुई हैं। उनके वीडियो और पोस्ट दिखा दिखा कर पाकिस्तानी बता रहे हैं कि पहलगाम अटैक अपने राजनैतिक लाभ के लिए भारत सरकार ने ही कराया है। वहाँ बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव के लिए यह सब किया जा रहा है।
आज देश की राजनैतिक स्थिति ऐसी है कि आतंकियों पर कार्यवाही के मुद्दे पर लगभग समूचा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है। सम्भव है यह समर्थन दिखावे के लिए ही हो, पर है। तेजस्वी यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी, असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग सरकार के साथ खड़े होने और पाकिस्तान पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं। सरकार पर आरोप लगाने से इनको राजनैतिक लाभ हो सकता है, फिर भी ये लोग कुछ ऐसा नहीं बोल रहे हैं, जिससे पाकिस्तान को लाभ हो।
जिस बिहार चुनाव का नाम लिया जा रहा है, उसी बिहार में समूचा विपक्षी दल आतंकियों के विरुद्ध कैंडल मार्च निकाल कर सरकार से आतंकियों पर कार्यवाही की मांग कर रहा है। विपक्ष के मुखिया तेजस्वी कहते हैं कि हम सरकार के साथ खड़े हैं, वह कठोर कार्यवाही करे। इसके बावजूद नेहा लगातार इस हमले को सरकार का षड्यंत्र बता रही है।
तनिक सोचिये तो! वह ऐसा क्यों कर रही है? क्या यूँ ही कोई व्यक्ति समूचे देश के विरुद्ध जा कर शत्रु देश के साथ खड़ा हो जाता है? क्या यूँ ही वह आतंकियों की मदद कर रही है? या उसे इसके बदले में कुछ मिल भी रहा है?
हम सामान्य लोग हैं। वैश्विक मुद्दों की समूची समझ का दावा नहीं कर सकते। पर इतनी समझ जरूर है कि कोई भी व्यक्ति यूँ ही देश के साथ गद्दारी नहीं करता। सामान्य लोग तो कभी अपने गाँव या मुहल्ले के विरुद्ध नहीं जाते, देश तो बहुत बड़ी चीज है। फिर कैसे मान लें कि कोई यूँ ही देश के शत्रुओं को लगातार लाभ पहुँचा रहा है।
हम सरकार से प्रश्न पूछे जाने के विरुद्ध नहीं हैं। सुरक्षा को लेकर, इंटेलिजेंस को लेकर, कार्यवाही को लेकर प्रश्न पूछे ही जाने चाहिये। यही विपक्ष का धर्म है। और सरकार को भी उत्तर देना ही होगा। सरकार नहीं तो और कौन देगा उत्तर? प्रश्न जनता पूछे, विपक्ष पूछे, सबका समर्थन है। लेकिन नेहा प्रश्न नहीं पूछ रही है। वह सीधे सीधे इस घटना के लिए भारत सरकार को दोषी बता कर आतंकियों और पाकिस्तानियों की मदद कर रही है। अगर यह अपराध नहीं है, फिर कुछ भी अपराध नहीं। कल को विश्व विरादरी के सामने इसी की बातें दिखा कर पाकिस्तान अपने आप को निर्दोष साबित करने का प्रयास करेगा।
मुझे समझ नहीं आता कि सरकार क्या कर रही है? इस खुलेआम गद्दारी की जाँच क्यों नहीं हो रही, कानून के हाथ गद्दार के गिरेबान तक क्यों नहीं पहुँच रहे हैं। और अगर सरकार इन जैसों पर लगाम नहीं लगा पा रही, तो फिर किसी कैंडल मार्च, किसी सोशल मीडिया मुहीम का कोई अर्थ नहीं। कुछ भी लिखने पढ़ने का कोई अर्थ नहीं…
Pahalgam Terror Attack : पहलगाम में आतंकी घटना और सरकार

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