BIG NEWS : पहलगाम के गुनाहगार TRF पर बैन की तैयारी

Bindash Bol

BIG NEWS : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से ऐसा बदला लिया है, जिसे वो कभी नहीं भुला पाएगा. इस ऑपरेशन से भारत ने साफ संदेश दे दिया है कि आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि आतंकवादी समूहों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अगले सप्ताह UNSC 1267 प्रतिबंध समिति की बैठक होगी. जिसमें भारत पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट टीआरएफ के खिलाफ पुख्ता सबूत और दस्तावेज मुहैया कराएगा.

दरअसल शुरूआत में टीआरएफ ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि बाद में उसने इनकार कर दिया था. जिसके बाद भारत ने टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध करने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है ताकि पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया जा सके.

पहले ली हमले की जिम्मेदारी फिर पीछे हटा TRF

कुछ दिन पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि स्थिति की गंभीरता को समझने के बाद पाकिस्तान में टीआरएफ के संचालकों ने समूह से इस दावे से पीछे हटने के लिए कहा था, यानी हमले की जिम्मेदारी न लिए के लिए कहा था. हाल के वर्षों में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने रणनीतिक साझेदारों, मुख्य रूप से अमेरिका और फ्रांस के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित कई आतंकवादी समूहों और व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने के लिए काम किया है, जिनमें लश्कर के नेता और हाफिज सईद द्वारा स्थापित आतंकवादी संगठन के प्रतिनिधि शामिल हैं.

TRF पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश तेज

टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास कुछ समय से चल रहे हैं. भारत ने मई और नवंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को अर्ध-वार्षिक रिपोर्टों में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में टीआरएफ की भूमिका के बारे में जानकारी प्रदान की थी. इससे पहले दिसंबर 2023 में भारतीय पक्ष द्वारा निगरानी टीम को टीआरएफ जैसे समूहों के जरिए से जम्मू और कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के संचालन के बारे में सूचित किया गया था.

भारत के पास पुख्ता सबूत

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि “हम बहुत जल्द [निगरानी] टीम के साथ फिर से मिलने जा रहे हैं और हम पहले दी गई जानकारी को अपडेट करेंगे’. बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी ढांचे पर हमलों के बाद आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी सेना के बीच संबंधों के सामने आए सबूतों से भारत की स्थिति मजबूत हुई है.

दरअसल लश्कर के एक अन्य प्रतिनिधि फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) के प्रमुख हाफिज अब्दुर रऊफ ने मुरीदके में समूह के मुख्य परिसर पर हमले में मारे गए कुछ लोगों के लिए जनाजे की नमाज का नेतृत्व किया, तो उनके साथ वर्दी में पाकिस्तानी सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी, पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक उस्मान अनवर और पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत के वरिष्ठ नौकरशाह शामिल हुए थे. जिससे साफ जाहिर होता है कि आतंकियों को पाकिस्तान का समर्थन है.

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