jharkhand : “बांग्लादेशी घुसपैठ” से बदल रही है झारखंड की डेमोग्राफी : बाबूलाल मरांडी

Sushmita Mukherjee

jharkhand : झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य में बड़े पैमाने पर “बांग्लादेशी घुसपैठ” हो रही है, जिससे जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) बदल रही है। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर राज्य में बांग्लादेशियों की घुसपैठ रोकने के लिए कोई पहल नहीं करने का आरोप लगाया।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सोरेन सरकार इस तथ्य को स्वीकार करने को तैयार नहीं है और इस संबंध में कोई कदम नहीं उठा रही है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री ने हाल ही में राज्य सरकारों को हमारी भूमि पर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की जांच करने और उन्हें निर्वासित करने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिए न केवल हमारी भूमि में प्रवेश कर रहे हैं, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर माई सम्मान योजना सहित राज्य सरकार के सभी लाभों का लाभ भी उठा रहे हैं। मरांडी ने दावा किया कि 1951 से 2011 के बीच झारखंड में आदिवासियों और सनातनी हिंदुओं की आबादी में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि 1951 की जनगणना में आदिवासी और सनातनी की आबादी 35. 38 प्रतिशत और 87. 79 प्रतिशत दर्ज की गई थी, लेकिन 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा घटकर क्रमश: 26. 20 प्रतिशत और 81. 70 प्रतिशत रह गया है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों की आबादी, जो 1951 की जनगणना में 8. 9 प्रतिशत दर्ज की गई थी, 2011 में बढ़कर 14. 53 प्रतिशत हो गई है।

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला और चाकुलिया प्रखंडों से जारी फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों का जिक्र करते हुए मरांडी ने कहा कि चाकुलिया और घोराबंदा प्रखंडों के अंतर्गत पंचायतों से कुल मिलाकर 183 जन्म प्रमाण पत्र विशेष समुदाय को जारी किए गए, जबकि उन गांवों में एक भी अल्पसंख्यक परिवार नहीं रहता है।

झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की गिरफ्तारी के बारे में मरांडी ने कहा कि यह गिरफ्तारी सोरेन सरकार द्वारा अपनी खाल बचाने के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है। मरांडी ने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार ने झारखंड से जुड़े शराब घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है, वहां दर्ज मामला और सोरेन सरकार को डर है कि केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच झारखंड में आ जाएगी।

Share This Article
Leave a Comment