Pune Bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना करीब तीन दशक पुराना लोहे का एक पुल रविवार दोपहर अचानक ढह गया। इस हादसे में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है और 32 अन्य घायल हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि हादसे में घायल छह लोगों की हालत गंभीर है और कुछ लोग नदी के तेज बहाव में भी बह गये है। घटनास्थल पर सीआरपीएफ (CRPF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें तैनात है और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। इस बीच, राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जबकि घायलों के इलाज का खर्च भी वहन करेगी।
PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने फडणवीस से की बात
विदेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है. साइप्रस में मौजूद पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री फडणवीस से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने पुल ढहने की घटना के बारे में जानकारी ली और घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को राहत अभियान में सभी आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी हादसे पर दुख जताया और सीएम फडणवीस से बात कर जमीनी हालात के बारे में जानकारी ली।
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने के घटनास्थल पर पहुंचे। हादसे की वजह के बारे में बताते हुए बीजेपी नेता व मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, “बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मलबे के नीचे शव होने की संभावना है…NDRF और SDRF सभी मलबा हटाने के लिए काम कर रहे हैं…यह पुल किसानों की आवाजाही के लिए था लेकिन 250-300 पर्यटक इस पर खड़े थे और अत्यधिक भार के कारण पुल ढह गया…”
CRPF की कंपनी तैनात
घटनास्थल पर मौजूद सीआरपीएफ के डीआईजी वैभव निंबालकर ने कहा, “घटना की जानकारी मिलने के बाद हमने बिना किसी आदेश का इंतजार किए तालेगांव की सीआरपीएफ की टीमें भेजीं। हमारी एक कंपनी यहां तैनात है और एनडीआरएफ की दो टीमें यहां है। हमारा काम मुख्य रूप से प्रशासन की मदद करना है और भीड़ को संभालने समेत हर तरह की मदद करना है… एनडीआरएफ की 2 टीमें बचाव अभियान पर काम कर रही हैं।”
तालेगांव दाभाडे पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना कुंदमाला इलाके में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण नदी का बहाव तेज था। लेकिन जब पुल ढहा, तब बारिश नहीं हो रही थी। रविवार होने के कारण घटनास्थल पर काफी भीड़ थी। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद इस इलाके में पिकनिक मनाने वालों की काफी भीड़ रहती है।