North Korea And Russia : जब पूरी दुनिया में तनाव और संघर्ष का माहौल है, तब रूस और उत्तर कोरिया की दोस्ती एक अनोखी कहानी बयान कर रही है।
जैसे मोटू-पतलू की जोड़ी हर समस्या में एक-दूसरे का साथ देती है, वैसे ही पुतिन और किम जोंग-उन भी अपनी अनोखी दोस्ती से दुनिया को हैरान कर रहे हैं। ट्रेन की सीटी से लेकर इंजीनियरों के हथौड़े तक, ये दोनों मित्र अपने रिश्ते को नई दिशा दे रहे हैं।
आज से उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से मास्को के बीच रेल संपर्क की शुरुआत करते हुये पहली यात्री ट्रेन रवाना हुई है, जो 8 दिनों की लंबी यात्रा तय कर मास्को पहुँचेगी।
यह 10,000 किलोमीटर से अधिक का सफर दुनिया की सबसे लंबी सीधी रेल यात्रा होगी। रूसी रेलवे के अनुसार, यह सेवा महीने में दो बार चलेगी – प्योंगयांग से मास्को जाने वाली ट्रेन हर महीने की 3 और 17 तारीख को, और मास्को से प्योंगयांग जाने वाली ट्रेन 12 और 26 तारीख को चलेगी।
यह ट्रेन ट्रांस-साइबेरियन रेलवे के रास्ते से गुजरेगी और खासान, खाबारोवस्क, नोवोसिबिर्स्क और कोस्त्रोमा जैसे प्रमुख रूसी शहरों में रुकतेञ हुये मास्को पहुँचेगी।
“कोरियाई राज्य रेलवे” द्वारा संचालित इस सेवा में उत्तर कोरियाई स्लीपर कोच का इस्तेमाल किया जा रहा है।
किम जोंग-उन ने कुर्स्क क्षेत्र के पुनर्निर्माण के लिए 6,000 विशेषज्ञ भेजने का भी फैसला किया है। इसमें 1,000 सैपर्स (बारूदी सुरंग निष्कासन विशेषज्ञ) और 5,000 कॉम्बैट इंजीनियर्स होंगे।
यूक्रेनी हमलों से क्षतिग्रस्त कुर्स्क क्षेत्र में ये इंजीनियर बुनियादी ढांचे, सड़कों, पुलों और अन्य नागरिक सुविधाओं का पुनर्निर्माण करेंगे।
दक्षिण कोरियाई और पश्चिमी अधिकारियों के अनुसार, लगभग 10,000-11,000 उत्तर कोरियाई सैनिक रूस में तैनात हैं, जिनमें से अधिकांश कुर्स्क क्षेत्र में हैं।
रूस-उत्तर कोरिया की बढ़ती दोस्ती से अब चीन भी परेशान दिख रहा है, क्योंकि यह उत्तर-पूर्वी एशिया में चीन के आर्थिक गलियारे BRI के प्रभाव को कम कर सकती है।