Israel-Iran War : ईरान ने उठाया ऐसा कदम, बिना मिसाइल दागे ही हिल जाएगी दुनिया, भारत तक आएगा असर

Bindash Bol

Israel-Iran War : ईरान के ऊपर अमेरिका हमले के बाद इस युद्ध के विकराल रूप लेनी की संभावनाए अपने चरम पर है. ईरान ने ऐलान किया है कि वह अमेरिका के इस हमले का जवाब देगा. हालांकि इजराइल ने अमेरिका के हमले के बाद इजराइल पर करीब 30 मिसाइलें दागी हैं. अब ईरान की संसद ने एक ऐसा फैसला किया है, जिसके बाद बिना मिसाइल दागे पूरी दुनिया ही जाएगी.

अगर ईरान इस होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर देगा, तो तेल की कीमते आसमान छू सकती हैं हालांकि बता दें सांसद में तो ये प्रस्ताव पारित हो चुका है, लेकिन इस मामले में अंतिम फैसला ईरानी सुप्रीम लीडर लेंगे.

होर्मुज की खाड़ी कहां है?

होर्मुज जलडमरूमध्य क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है और अपने सबसे संकीर्ण बिंदु पर यह केवल 21 मील चौड़ा है.

होर्मुज जलडमरूमध्य से कितने प्रतिशत तेल गुजरता है?

विश्व का लगभग 20 प्रतिशत तेल और प्राकृतिक गैस का परिवहन उत्तर में ईरान और दक्षिण में ओमान के बीच स्थित संकरी जल सीमा से होकर गुजरता है.

होर्मुज जलडमरूमध्य को कौन सा देश नियंत्रित करता है?

होर्मुज जलडमरूमध्य को घेरने वाले प्रमुख देश ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान हैं. ये देश इस जलडमरूमध्य को नियंत्रित और संचालित भी करते हैं.

ईरान के इस कदम से तेल की कीमतों में होगी भारी वृद्धि

जैसे कि बताया गया है कि दुनिया का 20 फीसद तेल इसी रूट से जाता है. इसमें ज्यादातर एशियाई देशों को जाने वाला तेल हैं. तेल ही नहीं यहां से गैस भी ट्रांस्पोर्ट की जाती है और यह रूट ऐशियाई देशों के मध्य पूर्व में निर्यात का रूट भी है. जिसमें भारत, चीन और पाकिस्तान अहम हैं. जानकार मान रहे है कि ईरान के इस फैसले के खिलाफ अमेरिका सख्त कदम उठा सकता है.

भारत में बढ़ सकती हैं तेल की कीमतें

एशिया के दूसरे देशों की तरह ही भारत अपनी जरूरत का ज्यादातर तेल मिडिल ईस्ट के देशों से लेता हैं. भारत का करीब 50 फीसद तेल और गैस होर्मुज की खाड़ी से आता हैं. भारत अपनी LNG का 40 फीसद कतर और 10 फीसद दूसरे खाड़ी देशों आयात करता हैं. वहीं तेल की बात करें, तो भारत 21 फीसद इराक और बाकी दूसरे खाड़ी देशों से आयात करता है.

अगर इस रूट को ईरान ने बंद किया तो भारत में तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं. साथ भारत की ओर से खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट होने वाला सामान भी लंबा रास्ता लेकर निर्यात होगा, जो निर्यात की लागत को बढ़ाएगा.

होर्मुज स्ट्रेट से नहीं आता तेल…  मंत्री हरदीप पुरी

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि हमारी कंपनियों को कई अन्य मार्गों से सप्लाई हो रही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन खपत होने वाले 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से लगभग 1.5-2 मिलियन होर्मुज स्ट्रेट के माध्यम से आते हैं. हम अन्य मार्गों से लगभग 4 मिलियन बैरल आयात करते हैं. हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास पर्याप्त स्टॉक है.

पुरी ने कहा कि ईंधन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट के हालात पर बारीकी से नजर है. अमेरिका के हमले के बाद ईरान का ये फैसला सामने आया है. हालांकि, इस मामले में अंतिम फैसला ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई लेंगे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर दिन 20-21 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल ट्रांजिट होता है. भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे अधिकांश एशियाई देश इसी मार्ग से तेल प्राप्त करते हैं. इसके बंद होने से इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ सकता है. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है. इसके दाम भी आसमान छू सकते हैं.

मगर हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि भारत को इससे कुछ खासा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि भारतीय कंपनियों को कई अन्य मार्गों से कच्चे तेल की सप्लाई हो रही है और कंपनियों को पास कई हफ्ते का स्टॉक है.

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