Adhuri Prem Kahani : इस्पात में ढली अधूरी प्रेम कहानी

Bindash Bol

ध्रुव गुप्त
(आईपीएस)

Adhuri Prem Kahani : दुनिया की कुछ सबसे दुखांत प्रेम कहानियों में से एक है अली और नीनो की कहानी।बीसवी सदी की इस प्रेमकथा का नायक था अजरबैजान का मुस्लिम युवा अली खान और नायिका थी जार्जिया के राजवंश की इसाई राजकुमारी नीनो। अलग धर्मों, संस्कृतियों और परिवेश से आने वाले इन प्रेमियों ने पहले एक दूसरे को पाने के लिए संघर्ष किए और शादी के बाद एक दूसरे के जीवन-मूल्यों से तालमेल बिठाने के लिए। नीनो को मुस्लिम परिवेश में हरम की बंधी ज़िंदगी रास नहीं आई। अली ने भी अपना देश छोड़ उन्मुक्त पश्चिमी जीवन मूल्यों के बीच रहना स्वीकार नहीं किया। पहले विश्वयुद्ध और रूस की क्रांति की पृष्ठभूमि में पली इस प्रेम कहानी का त्रासद अंत हुआ रूस की लाल सेना के अजरबैजान पर हमले के साथ। अली युद्ध में मारा गया और नीनो को अपने बच्चे के साथ जार्जिया पलायन करना पड़ा। उनकी इस त्रासद प्रेमकथा ने अजरबैजान और जार्जिया के लोकजीवन पर गहरा असर छोड़ा। उनके प्रेम पर गीत, कहानियां, उपन्यास लिखे गए, फ़िल्में बनीं, नाटक खेले गए। लेखक कुरबान सैद के 1937 में लिखे उपन्यास ‘अली एंड नीनो’ का शुमार दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने, पढ़ी जाने वाली किताबों में होता है। इन दोनों प्रेमियों को सबसे बेहतरीन श्रद्धांजलि दी जार्जिया के एक मूर्तिकार तमारा क्वेसितादज़े ने। उन्होंने जार्जिया के शहर बतुमी के समुद्र तट पर अली और नीनो की तेईस-तेईस फीट ऊंची स्टील की मूर्तियां बनाई।स्टेचू ऑफ़ लव नाम से प्रसिद्द और कंप्यूटर से संचालित ये विशाल मूर्तियां एक दूसरे की आंखों में झांकती हुई खड़ी हैं। हर शाम इनके प्रेम की यात्रा आरम्भ होती हैं। दोनों बहुत आहिस्ता एक दूसरे की ओर बढ़ते हैं। बस कुछ पलों के लिए ही एक दूसरे में समाते हैं और फिर धीरे-धीरे अलग हो जाते हैं।उनकी प्रेमकथा की ही तरह।

दो प्रेमियों की इस दुखांत प्रेमकथा को जीवंत करने की विज्ञान की यह कोशिश आज भी लोगों की आंखें नम कर देती है।

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