Iran Missile Attack on US Base : तीन देशों में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरान ने किया हमला, जानें इनका रणनीतिक महत्व

Bindash Bol

Iran Missile Attack on US Base : मिडिल ईस्ट में तनाव गहराता जा रहा है। परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरान ने सोमवार की देर रात खाड़ी देशों में कई अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया है। कतर के अलावा ईरान ने सीरिया और इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी हैं। आईए विस्तार से जानते हैं इन अमेरिकी सैन्य ठिकानों के बारे में…

ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हुए हमलों का बदला लेने के लिए सोमवार रात को कतर स्थित अमेरिका के अल-उदीद सैन्य ठिकाने को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दागी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर की राजधानी दोहा में कई धमाकों की आवाज सुनी गई है। दोहा के अलावा ईरान ने इराक और सीरिया में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया है।

बता दें कि पश्चिम एशिया में अमेरिका के कई सैन्य ठिकाने हैं। इनमें सबसे प्रमुख ठिकाने कुवैत, बहरीन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं। यह सभी देश ईरान से सिर्फ फारस की खाड़ी के फासले पर मौजूद हैं। सोमवार रात को ईरान ने कतर, सीरिया और इराक में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाकर कई मिसाइलें दागी हैं। जानिए अमेरिका के लिहाज से इन सैन्य अड्डों का महत्व।

अल-उदीद एयरबेस, कतर

अमेरिका का पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा सैन्य बेस 1996 में स्थापित किया गया था। यह बेस 60 एकड़ के इलाके में फैला है और यहां एक बार में 100 एयरक्राफ्ट खड़े किए जा सकते हैं। इस बेस में करीब 10 हजार सैनिक भी तैनात हैं, जो कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का हिस्सा हैं और इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियानों की रीढ़ रहे हैं।

ईरान ने इसी बेस को निशाना बनाने की कोशिश की है। हालांकि इस हमले को लेकर कतर का कहना है कि उसने सभी मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर लिया था। कतर के विदेश मंत्रालय के अनुसार 10 में से 9 मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया है। जबकि एक मिसाइल खुले इलाके में गिरी है। कतर ने बताया है कि इन हमलों में कोई भी हताहत नहीं हुआ है।

अल-असद एयर बेस, इराक

अमेरिकी वायुसेना इन एयरबेस को हवाई अभियानों के लिए इस्तेमाल करती है। यह ठिकाना उत्तरी इराक और सीरिया में अभियान चलाने के लिए अहम है। अमेरिका इसके जरिए इन क्षेत्रों में मौजूद कुर्दिश लड़ाकों और इराकी सेना की मदद करती है। 2003 से 2011 के बीच इन एयरबेसों पर अमेरिका के 1 लाख 70 हजार सैनिक पहुंच चुके थे। साथ ही इनके अलावा इराक में तब अमेरिका के 505 बेस हुआ करते थे। हालांकि, 2024 के बाद से अब यहां इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका ने सिर्फ 2500 सैनिक ही छोड़े हैं, जो कि अंतरराष्ट्रीय सेनाओं के साथ अभियान में हिस्सा लेती हैं। ईरान समर्थित समूहों ने गाजा संघर्ष शुरू होने के बाद इस क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया था।

कसरक- सैन्य अड्डा, सीरिया

सीरिया के पूर्वोत्तर में अमेरिकी बेस को कसरक के रूप में जाना जाता है और यह पूर्वोत्तर हसाका प्रांत में दो बेस में से एक है जहां अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। बता दें कि, सीरिया में अमेरिका के कुल आठ बेस थे, जिनमें से कई को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के बाद से बंद कर दिया गया है। इस कड़ी में मात्र छह दिन पहले ही हसाका प्रांत में अल-वजीर और तेल बयादर बेस को बंद किया गया है।

जून महीने की शुरुआत में ही ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि वह उत्तर-पूर्वी सीरिया में मौजूद अपने सैन्य ठिकानों की संख्या को आठ से कम करके एक कर देगा। वहीं अप्रैल महीने में एक अमेरिकी समाचार एजेंसी के अनुसार सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या 2000 से 500 की कटौती की जा सकती है।

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