मनोज कुमार
America Shut Down : मध्यरात्रि की घड़ी ने अमेरिका के इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है। भारतीय समयानुसार आज सुबह 10:31 बजे से अमेरिकी संघीय सरकार आधिकारिक तौर पर बंद हो जाएगी, जब वॉशिंगटन में मध्यरात्रि 12:01 बजे का समय होगा।
यह शटडाउन छह वर्षों में पहली बार हो रहा है और इसकी वजह सीनेट में हुई एक निर्णायक वोटिंग है जहाँ डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच 55-45 के मतों से बिल गिर गया।
राजनीतिक गतिरोध की यह कहानी महीनों से चली आ रही थी। सीनेट में 60 वोटों की जरूरत थी लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को केवल 55 ही मिल पाए, जिससे अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं हो सका।
डेमोक्रेट्स का मुख्य मुद्दा था “अफोर्डेबल केयर एक्ट” की सब्सिडी का विस्तार, जबकि रिपब्लिकन चाहते थे कि स्वास्थ्य नीति की बातचीत सरकारी फंडिंग से अलग हो।
व्हाइट हाउस ने पहले से ही सभी फेडरल एजेंसियों को शटडाउन की तैयारी के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इसका तत्काल प्रभाव यह होगा कि आज से ही सरकारी कार्यालय, राष्ट्रीय उद्यान, वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र और गैर-आवश्यक सेवाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी।
लगभग 7.5 लाख फेडरल कर्मचारी को घर भेजा जा रहा है, जिनमें से अधिकांश को तब तक वेतन नहीं मिलेगा जब तक कांग्रेस नया बिल पास नहीं करती। हालांकि सैन्य बल, सीमा सुरक्षा, पुलिस और आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन इन कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिलेगा।
हवाई यातायात नियंत्रण और ट्रांसपोर्टेशन सिक्यूरिटी एडमिनिस्ट्रेशन के कर्मचारी काम करते रहेंगे, मगर उड़ानों में देरी की संभावना है। आर्थिक आंकड़ों की रिपोर्ट, जैसे कि बेरोजगारी दर और जीडीपी के आंकड़े भी रुक जाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही संकेत दे दिया था कि “शायद शटडाउन होगा” और उन्होंने चेतावनी दी है कि इस दौरान बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है।
ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट ने एजेंसियों से कहा है कि वे “रिडक्शन-इन-फोर्स” की योजना तैयार करें, जिसका मतलब स्थायी नौकरी कटौती हो सकती है।यह शटडाउन अमेरिका की आर्थिक स्थिरता पर भारी असर डाल सकता है।
2018-19 के 35 दिनों के शटडाउन की लागत लगभग 3 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, 45% मतदाता रिपब्लिकन को जिम्मेदार मानते हैं जबकि 32% डेमोक्रेट को दोष देते हैं।
अब सारा दारोमदार सीनेट डेमोक्रेट्स पर है कि वे अपनी स्थिति बदलें या अमेरिकी जनता को एक लंबे संकट का सामना करना पड़े। यह शटडाउन न केवल घरेलू नीतियों को प्रभावित करेगा, बल्कि अमेरिका की वैश्विक छवि और नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर सकता है।
