Award : लोकमत मीडिया समूह का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जवाहरलाल दडार्स्मृित पत्रकारिता पुरस्कार के लिए वरिष्ठ पत्रकार हरिओम शर्मा का चयन किया गया है। यह पुरस्कार 26 मार्च को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जाएगा।
अलवर जिले में सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण से लगते छोटे से गांव देवती में सितंबर 1963 जन्मे हरिओम शर्मा एक वरिष्ठ पत्रकार है और लंबे समय तक राजस्थान के प्रतिष्ठित समाचार पत्र समूह “राजस्थान पत्रिका” से जुड़े रहे हैं। आपने तीन दशक के लंबे समय तक राजस्थान पत्रिका के जयपुर कार्यालय से लेकर अलवर, श्री गंगानगर, पाली व शेखावाटी के सीकर चूरू में पत्रकारिता के विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। वर्ष 1989 में राजस्थान पत्रिका में बतौर प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में जुड़े हरिओम शर्मा ने लंबे समय राजस्थान पत्रिका के अलवर ब्यूरो प्रमुख के रूप में सेवाएं दी और बाद में अलवर संस्करण बनने पर अलवर -भरतपुर-धौलपुर संस्करण के प्रभारी संपादक के पद पर कार्य किया। हरिओम शर्मा अलवर के बाद श्रीगंगानगर -हनुमानगढ़ संस्करण के प्रभारी संपादक रहे और इसके बाद पाली जालौर सिरोही में भी इन्हें संस्थान की ओर से प्रभारी संपादक नियुक्त किया गया। इसके अलावा शेखावाटी में चूरू में संपादकीय प्रभारी और सीकर कार्यालय में भी सेवाएं दी। वर्ष 2020 में राजस्थान पत्रिका के जयपुर मुख्यालय से सेवानिवृत होने के बाद हरिओम शर्मा बतौर स्वतंत्र पत्रकार सक्रिय हैं। 30 वर्षों के लंबे कार्यकाल के दौरान हरिओम शर्मा ने राजनीतिक रिपोर्टिंग सहित विभिन्न जन मुद्दों पर रिपोर्टिंग की है। बचपन से ही वन्य जन जीवन से रूबरू होने के कारण लेखन पर भी इसका पूरा प्रभाव रहा। वन, वन्यजीव पर्यावरण, परिंदों और वनस्पतियों पर नियमित लेखन आज भी जारी है। पूरे सेवा कल के दौरान हरिओम शर्मा ने अलवर में बड़े जन मुद्दे उठाये और मेवात सहित अन्य क्षेत्रों में रिपोर्टिंग की है। श्री गंगानगर में प्रभारी संपादक रहते हुए श्री शर्मा ने वर्ष 2004-5 के बहुचर्चित किसान आंदोलन की दमदार रिपोर्टिंग की और पूरे आंदोलन का नियमित कवरेज करवाया। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की खबरें सहित अन्य मुद्दे भी खासे चर्चा में रहे। घडसाना किसान आंदोलन में श्री शर्मा को श्री गंगानगर और बीकानेर के किसान संघर्ष समिति की ओर से सम्मानित भी किया गया। विभिन्न संस्थाओं और प्रशासन की ओर से भी अलवर से लेकर प्रदेश के अनेक हिस्सों में सेवाकाल के दौरान हरिओम शर्मा को बेहतर पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। राजस्थान पत्रिका के आओ गांव चलें जैसे चर्चित कलम में हरिओम शर्मा ने अलवर जिले के लगभग डेढ़ सौ गांवों को भी गांव गांव जाकर कवर किया है। राजस्थान पत्रिका संस्थान की ओर से भी बेहतरीन पत्रकारिता के लिए और विभिन्न संस्करणों की जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए हरिओम शर्मा को कई बार पुरस्कार और सम्मानित किया गया। वर्तमान में स्वतंत्र लेखन के चलते हरिओम शर्मा देश भर के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में वन्य वन्य जीव और पर्यावरण को लेकर निरंतर लिख रहें हैं।