Ayushman Bharat Yojana: केंद्र सरकार ने संसदीय समिति की सिफारिश मानी तो देश में 60 साल से अधिक के नौ करोड़ और बुजुर्गों को सालाना दस लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकती है। अभी तक सरकार की यह योजना 70 साल से अधिक उम्र के छह करोड़ बुजुर्गों को कवर करती है। यूनाइटेड नेशंस पापुलेशन फंड के मुताबिक देश में 15.3 करोड़ लोग 60 साल से ऊपर के हैं।
70 से घटाकर किया जाए 60 वर्ष
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने हालिया पेश रिपोर्ट में कहा कि बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड के लिए पात्रता आयु को 70 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष या उससे अधिक किया जाए। समिति ने तर्क दिया है कि यह बदलाव सामाजिक और आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलाने और इसके दायरे को व्यापक बनाने में मदद करेगा।
5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज
मोदी सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव का वादा पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 29 अक्टूबर 2024 को 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी आय वर्ग के बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का लाभ देने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का विस्तार किया था। इसके लिए बजट में करीब 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी हुई। इसके पूर्व मुफ्त इलाज की सुविधा सिर्फ बीपीएल कार्ड धारक परिवारों या असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों को ही मिलती थी। लेकिन 70 साल के बुजुर्गों में हर आय वर्ग के लोग शामिल किए गए।
पांच नहीं, 10 लाख तक हो मुफ्त इलाज
राज्यसभा में बीते बुधवार को पेश की गई 163वीं संसदीय रिपोर्ट में समिति ने स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च को ध्यान में रखते हुए आयुष्मान भारत योजना के तहत मौजूदा पांच लाख रुपये प्रति परिवार की वार्षिक बीमा सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। महंगे इलाज को देखते हुए समिति ने 10 लाख कवरेज प्रदान करने की ज़रूरत बताई है।
योजना में अभी भी कई जरूरी इलाज शामिल नहीं
हालांकि, संसदीय समिति ने यह भी चिंता जताई कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कई महत्त्वपूर्ण मेडिकल जांच और उन्नत स्तर के इलाज अब भी शामिल नहीं हैं। समिति ने सिफारिश की कि योजना के तहत कवर किए गए पैकेज का समीक्षा की जानी चाहिए और उच्च लागत वाली गंभीर बीमारियों के इलाज और रेडियोलॉजिकल डायग्नोस्टिक्स सीटी, एमआरआइ, न्यूक्लियर इमेजिंग के पैकेज भी शामिल हों।
राज्यों के प्रदर्शन को निधि जारी करने से जोड़ा जाए
समिति ने सुझाव दिया कि राज्यों के प्रदर्शन को निधि जारी करने से जोड़ा जाए ताकि सहायता उन क्षेत्रों में मिले जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। समिति ने इस बात पर जोर दिया कि योजना की सफल कार्यान्वयन के लिए सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और संबंधित राज्य सरकारों के साथ उच्च-स्तरीय जुड़ाव जरूरी है।