Bareilly violence : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हाल ही में हुई हिंसा की स्क्रिप्ट कई दिन पहले लिखी जा चुकी थी. ‘I Love Muhammad’ पोस्टर विवाद की आड़ में पूरे शहर को जलाने की योजना बनाई गई थी. इसके लिए लगभग 5000 उपद्रवियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इन लोगों को ईंट, पत्थर, पेट्रोल बम और अन्य हथियार भी उपलब्ध कराए गए थे. आरोप है कि मौलाना तौकीर रजा ने 2010 की तरह 2025 में भी बरेली को दंगों की आग में झोंकने की कोशिश की.
बाहर से बुलाए गए उपद्रवी
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि बरेली की शांति भंग करने के लिए बिहार और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में दंगाइयों को बुलाया गया था. इन्हें अलग-अलग इलाकों की जिम्मेदारी दी गई थी, ताकि पूरे शहर में एक साथ उपद्रव कराया जा सके. यही वजह रही कि हिंसा की शुरुआत होते ही कई जगहों पर एक साथ पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं. बाहर से आए दंगाइयों ने सबसे पहले पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की.
390 मस्जिदों में दी गई शरण
सूत्रों के मुताबिक, इन उपद्रवियों को 390 मस्जिदों में ठहराया गया था. घटना वाले दिन ये सभी नमाज के बहाने बाहर निकले और फिर सड़कों पर उतर आए. आरोप है कि भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया, पेट्रोल बम फेंके और मीडियाकर्मियों पर भी हमला बोला. इस दौरान एक पत्रकार की बाइक को नुकसान पहुंचाया गया. अधिकारियों ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थी.
जांच में रोज नए खुलासे
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे यह साफ हो गया है कि दंगा पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी. आरोप है कि मौलाना तौकीर रजा ने धर्म का सहारा लेकर लगातार लोगों को भड़काने का काम किया और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की.
गिरफ्तारियां और कार्रवाई
हिंसा मामले में अब तक 77 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा समेत उनकी पार्टी के नेता नदीम, शमशाद और अन्य 10 लोगों को जेल भेजा है. कुल 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से सात मामलों में तौकीर रजा को नामजद किया गया है. पुलिस ने एक आरोपी का हाफ एनकाउंटर भी किया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है.
150 करोड़ की संपत्ति चिन्हित
बरेली जिला प्रशासन ने अब तक करीब 150 करोड़ की संपत्ति चिन्हित की है. इनमें वे संपत्तियां शामिल हैं, जो तौकीर रजा के रिश्तेदारों, मददगारों और उन्हें शरण देने वालों की बताई जा रही हैं. कार्रवाई की शुरुआत फरहत के होटल स्काईलार्क को सील करने से हुई. इसके बाद फरहत के रिश्तेदार आरिफ का लॉन औरऔर होटल भी सील किया गया. मंगलवार को हाजी शराफत खान के हमसफर मैरिज लॉन को भी प्रशासन ने सील कर दिया. इसके अलावा तौकीर रजा के रिश्तेदारों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया.
सपा पार्षद के गैराज पर चला बुलडोजर
वहीं समाजवादी पार्टी के पार्षद ओमान रजा के गैराज को भी पुलिस ने ध्वस्त कर दिया. वहीं पुलिस की सूझबूझ और प्रशासनिक सख्ती की वजह से बरेली को बड़े नुकसान से बचा लिया गया. अगर समय पर कार्रवाई न होती तो शहर 2010 की तरह एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस सकता था. पुलिस अब इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
