BIG NEWS : पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार-झारखंड के बीच सुलझ गया इन्द्रपुरी जलाशय पानी बंटवारा विवाद

Sushmita Mukherjee

रांची में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक, 4 राज्यों से जुड़े 20 एजेंडों पर चर्चा

BIG NEWS : झारखंड की राजधानी रांची में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक बिहार और झारखंड फील गुड का मामला रहा. दरअसल बिहार और झारखंड के बीच लंबे समय से चल रहे इंद्रपुरी जलाशय पानी बंटवारा विवाद सुलझ गया है. इस बैठक में दोनों राज्यों के बीच सहमति बन चुकी है.

पूर्वी क्षेत्रीय अंतरराज्यीय परिषद की 27वीं बैठक गुरुवार को रांची में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई. रांची के एक होटल में चल रही इस बैठक में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच अंतरराज्यीय समन्वय से जुड़े कुल 20 एजेंडों पर चर्चा हुई.

इस बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री विजय चौधरी ने अपने-अपने बातों को रखा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में लंबे समय से चला आ रहा बिहार-झारखंड के बीच के इन्द्रपुरी जलाशय पानी बंटवारा विवाद सुलझ गया है.

इंद्रपुरी जलाशय पर दोनों राज्यों के बीच बनी सहमति

दोनों राज्यों के बीच बनी सहमति के तहत इन्द्रपुरी जलाशय से निकलने वाला 7.75 एमएफ पानी में से बिहार को 5.75 बिहार को मिलेगा. जबकि झारखंड को 2.0 एमएफ पानी मिलेगा.

बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि लंबे समय से चला आ रहा इंद्रपुरी जलाशय विवाद को सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की यह बैठक काफी लाभदायक साबित हुआ है. इस मौके पर बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह फोरम होता है, राज्यों के बीच मतभेद को दूर करने का. जिसे बड़ी सफलता के साथ पूरा किया गया है.

क्या है इंद्रपुरी जलाशय विवाद

1980 के दशक में प्रस्तावित कदवन जलाशय योजना का नाम बदलकर इंद्रपुरी जलाशय योजना कर दिया गया था. इस योजना का डीपीआर 1987 से 2004 तक सीडब्लूसी में उत्तर प्रदेश के डूब क्षेत्र सर्वे को लेकर लंबित रहा. बिहार सरकार के अनुरोध पर इसे लेकर वर्ष 2005 से 2007 के बीच कई बैठक हुई. इसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वे करवाया गया. कैबिनेट की अनुमति से डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी कंसल्टेंट को सौंपी गयी. कंसल्टेंट से तैयार पीपीआर सीडब्लूसी को सौंपी गयी, लेकिन झारखंड सरकार ने इस योजना पर अपनी सहमति नहीं दी. इस कारण यह सीडब्लूसी के पास लंबित रही. राज्य सरकार ने 27 जुलाई, 2021 को सीडब्लूसी से भी पीपीआर की स्वीकृति के लिए अनुरोध किया. इस पर मंजूरी से पहले सोन नदी के पानी के इस्तेमाल को लेकर झारखंड और बिहार के बीच मंजूरी जरूरी था. जलाशय निर्माण के बाद मध्य बिहार, दक्षिण बिहार सहित झारखंड में सिंचाई सुविधा बेहतर होगी. इस समय सोन नहर से करीब 11 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है. इंद्रपुरी बराज भी सिंचाई के लिए आत्मनिर्भर होगा.

इन मुद्दों पर उठाए गए निर्णायक कदम

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुरुवार की बैठक में मसानजोर बांध, तैयबपुर बराज और इंद्रपुरी जलाशय से संबंधित काफी समय से लंबित जटिल मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई है. बिहार के विभाजन के समय से ही लंबित अनेक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संपत्तियों और देनदारियों के बिहार व झारखंड राज्य के बीच विभाजन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई है. इसके समाधान की दिशा में आपसी सहमति से निर्णायक कदम उठाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि महिलाओं व बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच व इनके शीघ्र निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों का क्रियान्वयन, प्रत्येक गांव के नियत दायरे में ब्रिक एंड मोर्टार बैंकिंग सुविधा, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली 112 का क्रियान्वयन तथा पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत, शहरी प्लानिंग व सहकारिता व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण सहित क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के विभिन्न मुद्दे भी इस बैठक में शामिल किए गए, समस्याओं के निदान पर चर्चा हुई.

बंगाल का Border Fence का छाया रहा मुद्दा

इस बैठक में बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल के सीमा पर बॉर्डर फेंस लगाने का मामला भी उठा. इस मामले की जानकारी देते हुए बंगाल के वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बीएसएफ की जमीन को लेकर हम लोग काम कर रहे हैं, क्योंकि यह सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है.

इसलिए हमारे मुख्यमंत्री भी काफी गंभीर हैं. जितना जल्दी हो सकता है, वह हम लोग कर रहे हैं और जमीन अधिग्रहण हो रहा है. बहुत सारी जगह ऐसी है कि जहां काफी संकरा क्षेत्र है. इसलिए वक्त लग रहा है. समय जरूर लगेगा लेकिन इसे कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने पहले जो मांग की थी, उसमें हम देख रहे हैं कि कितना जल्दी हम कर पा रहे हैं.

बैठक में ये रहे मौजूद

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व पश्चिम बंगाल की वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य सहित सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

Share This Article
Leave a Comment