Bihar Election 2025 : बिहार में इस बार कुछ अलग हुआ है- इस बार जनता ने चुपचाप नहीं, बल्कि ज़ोरदार वोटिंग के ज़रिए अपनी बात कही है। राज्य में इस बार पहले चरण की वोटिंग ने इतिहास रच दिया। राज्य के 121 सीटों पर करीब 65% मतदाताओं ने मतदान किया, जो अब तक की सबसे ज्यादा वोटिंग मानी जा रही है। चुनाव आयोग के मुताबिक, यह वोटिंग एक उत्सव की तरह हुई और महिलाओं ने इसमें सबसे ज्यादा उत्साह दिखाया। मुख्य चुनाव अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा “महिलाएं बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचीं, उनका उत्साह देखते ही बनता था।” यह वोटिंग सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि एक सियासी संकेत भी है, जो आने वाले नतीजों की दिशा तय कर सकता है।
क्या 65% वोटिंग बदलाव की आंधी का संकेत है?
- इतिहास में पहली बार इतना ऊंचा मतदान बिहार की राजनीति में हलचल मचा गया है।
- 3.75 करोड़ मतदाताओं में से दो-तिहाई ने वोट डाला।
- अब सवाल ये उठता है कि क्या यह ‘सुशासन’ की वापसी है या जनता ‘रोज़गार’ की तलाश में बदलाव चाहती है?
- BJP, RJD, कांग्रेस और जन सुराज-सभी दल इसे अपनी जीत का संकेत बता रहे हैं।
- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का दावा है, “NDA इस चरण में 100 से ज्यादा सीटें जीतने जा रहा है।”
- वहीं प्रशांत किशोर ने कहा, “सबसे ज्यादा वोटिंग इस बात का सबूत है कि जनता बदलाव चाहती है।”
- कांग्रेस के पवन खेड़ा ने भी कहा, “यह वोटिंग बताती है कि जनता स्पष्ट बहुमत हमें देने जा रही है।”
सुशासन बनाम रोज़गार: बिहार की सियासत का नया रणभूमि!
- NDA जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन और विकास कार्यों पर भरोसा जता रहा है, वहीं RJD-कांग्रेस गठबंधन हर घर को रोजगार देने के वादे पर मैदान में है।
- बीते 20 सालों से सत्ता में रह रही NDA के सामने इस बार जन सुराज जैसी नई चुनौती भी खड़ी है।
- प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार के कई इलाकों में तीसरे मोर्चे की भूमिका निभा रही है।
क्या महिलाओं की वोटिंग NDA के पक्ष में गई?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला वोटरों की बंपर भागीदारी को NDA के लिए शुभ संकेत बताया।
- उन्होंने कहा कि “‘जंगल राज’ से सबसे ज्यादा पीड़ित माताएं और बहनें रही हैं। आज उन्होंने मतदान केंद्रों के चारों ओर ‘सुरक्षा का किला’ बना दिया है।”
- वहीं विपक्ष का कहना है कि महिलाएं अब “महंगाई और बेरोजगारी” के खिलाफ वोट दे रही हैं।
- इस बार महिला वोटिंग 60% से ऊपर रही, जो बिहार में एक नया रिकॉर्ड है।
जन सुराज का ‘साइलेंट फैक्टर’: क्या बदल देगा नतीजे?
- राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज इस चुनाव में अप्रत्याशित रूप से कई सीटों पर असर डाल रही है।
- किशोर का दावा है कि “14 नवंबर को बिहार में नई सरकार होगी।”
- अगर जन सुराज का वोट शेयर उम्मीद से ज्यादा हुआ, तो यह पारंपरिक NDA बनाम RJD मुकाबले को पूरी तरह बदल सकता है।
क्या विवाद और हिंसा से बदलेगा मतदान का असर?
- हालांकि चुनाव ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कुछ जगहों से हिंसा और गाड़ियों पर हमले की खबरें आईं।
- डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा की गाड़ी पर भी कथित हमला हुआ।
- वहीं, RJD ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि जिन इलाकों में INDIA गठबंधन मज़बूत है, वहां वोटिंग को जानबूझकर धीमा किया गया। EC ने इन आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया।
कौन-से जिले रहे सबसे आगे?
मुजफ्फरपुर: 70.96%
समस्तीपुर: 70.63%
वैशाली: 67.37%
मधेपुरा: 67.21%
सहरसा: 66.84%
खगड़िया: 66.36%
लखीसराय: 65.05%
पटना: 57.93%
इतिहास बना मतदान प्रतिशत
- 1951-52 में बिहार में सबसे कम 42.6% वोटिंग हुई थी।
- 2000 में यह बढ़कर 62.57% हुई थी। लेकिन 2025 में 65% वोटिंग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
- पिछले चुनावों 2020 (57.29%) और 2015 (56.91%) की तुलना में यह बड़ी छलांग है। यानि 2025 का चुनाव वोटिंग के मामले में सबसे ऐतिहासिक बन गया है।
अगला चरण कब होगा?
- अब नजरें 11 नवंबर पर हैं, जब दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग होगी। गिनती 14 नवंबर को होगी, और उसी दिन पता चलेगा कि बिहार सुशासन पर भरोसा दोहराएगा या बदलाव चुनेगा।
- बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण में 65% रिकॉर्ड वोटिंग ने राज्य की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है।
- महिलाओं की बढ़ी भागीदारी, जन सुराज का नया फैक्टर और रोजगार बनाम सुशासन का मुद्दा सब मिलकर यह चुनाव बेहद दिलचस्प बना रहे हैं।
- अब सबकी निगाहें 14 नवंबर के नतीजों पर हैं – क्या NDA अपनी परंपरागत जीत दोहराएगा या तेजस्वी की नई लहर उठेगी?
