Bihar Election : एक परिवार से एक ही आदमी संभव है, मेरी ही सीट दे दीजिए : कर्पूरी ठाकुर

Siddarth Saurabh
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Bihar Election : बिहार में विधानसभा का चुनाव अपने चरम पर है। प्रथम चरण का मतदान हो चुका है, दूसरे चरण का होने वाला है। चुनाव प्रचार के दरमियान कर्पूरी ठाकुर के यहां पीएम के जाने के बाद राजनीति में परिवार का मुद्दा काफी गर्म है। परिवारवाद को लेकर खासकर बीजेपी हमलावर है। खासकर बिहार और झारखंड के अनसुने किस्से पर हाल ही में एक किताब आई है। इस किताब में इस बात का उल्लेख है कि राजनीति में परिवारवाद पर कर्पूरी ठाकुर का स्पष्ट विचार था कि एक परिवार से एक ही आदमी पॉलिटिक्स में होना चाहिए। लिहाजा जब उनसे उनके करीबी ने उनके ही बेटे की पॉलिटिक्स में एंट्री की बात की तो उन्होंने साफ कहा, दे दीजिए टिकट, मेरी ही सीट दे दीजिए।

गौरतलब है कि राजनीति में परिवारवाद का मुद्दा काफी पुराना है। भारत की राजनीति में कांग्रेस से शुरू हई परिवारवाद की धारा इन दिनों क्षेत्रीय दलों में धीरे-धीरे फैल चुकी है। बिहार के चुनाव में भी राजनीति में परिवारवाद पर बहस जारी है। इसी दरमियान ‘भारत रत्न’ कर्पूरी ठाकुर के गांव पीएम मोदी की जाने की वजह से कपूरी ठाकुर चर्चा में हैं। ठाकुर साहब की सादगी और अनुशासन राजनीति एवं पारिवारिक जीवन में अनुकरणीय रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अमरेंद्र कुमार ने अपनी किताब “नीले आकाश का सच” में उल्लेख किया है कि कर्पूरी ठाकुर की सोच राजनीति में एक परिवार से केवल एक ही व्यकि वाली थी। कर्पूरी ठाकुर के दो बेटा एक बेटी थी। उनका छोटा बेटा डॉक्टर था औ बेटी की शादी हो गई थी। उनके बडे बेटे रामनाथ ठाकुर राजनीति में आना चाहते थे। कुमार ने इस बात का उल्लेख किया है कि कर्पूरी ठाकुर का ऐसा अनुशासन था कि वह इसके लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। उस जमाने में कर्पूरी ठाकुर के बेहद निकट सहयोगी समाजवादी नेता कपिल देव सिंह थे। एक दिन रामनाथ ठाकुर ने उनसे चुनाव लडने की इच्छा जताई। कपिल देव सिंह ने कर्पूरी ठाकुर से इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि रामनाथ को भी कही से टिकट दे दीजिए, वह भी चुनाव लड़ना चाहता है। कर्पूरी ठाकुर यह बात सुनकर थोड़ी देर चुप रहे फिर गंभीर आवाज में कपिल देव सिंह से कहा कि हाँ, दे दीजिए, मेरो ही सीट दे दीजिए। शायद यह सुनकर कपिल देव सिंह को आगे फिर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हुई। इस बात की जानकारी रामनाथ ठाकुर तक पहुँची। उसके बाद रामनाथ ठाकुर अपने पिता कर्पूरी ठाकुर के जीते-जी कभी भी राजनीति में आने की बात नहीं उठाई।

गौरतलब है कि 17 फरवरी, 1988 को कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया। उसके बाद रामनाथ ठाकुर को लालू प्रसाद यादव ने एम.एल.सी. बनाया था। फिर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री भी बनाया। अभी वे जद (यू) से राज्यसभा के सदस्य हैं। रामनाथ ठाकुर मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी हैं।

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