Bihar sufi paripath: बिहार, जो अपनी बौद्ध, जैन और हिंदू विरासत के लिए प्रसिद्ध रहा है, अब सूफी परंपरा को भी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सहेज कर नई पीढ़ी तक पहुंचाने की तैयारी में है। राज्य में सूफी परिपथ डेवलप किया जा रहा है, ताकि धार्मिक सौहार्द के साथ राज्य के टूरिज्म सेक्टर को भी नई ऊंचाइयां मिलें। आपको बता दें कि बिहार के कई शहरों में सूफी संतों की दरगाहें और खानकाहें हैं, जहां हजारों श्रद्धालु सजदा करने जाते हैं।
राज्य के प्रमख सूफी स्थलों को आपस में जोड़ने की योजना
बिहार सरकार ने सूफी परिपथ को विकसित करने के लिए राज्य के प्रमुख सूफी स्थलों को आपस में जोड़ने की योजना बनाई है। उनमें प्रमुख तौर पर पटना स्थित मनेर शरीफ, औरंगाबाद का अझमर शरीफ और रोहतास स्थित शेरशाह सूरी का टॉम्ब शामिल है। मौजूदा समय में सरकार की इस पहल को सामाजिक सद्भाव मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही देश विदेश से आने वाले पर्यटक भी बिहार की सूफी पंरपरा से अवगत होंगे।
मंत्री बोलें-सूफी मान्यताओं से जुड़े स्थलों को भी चिन्हित कर किया जा रहा डेवलप
पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में सिर्फ हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन ही नहीं, बल्कि सूफी मान्यताओं से जुड़े स्थलों को भी चिन्हित कर उन्हें डेवलप किया जा रहा है। टूरिज्म डिपार्टमेंट की योजना इन स्थलों पर वर्ल्ड क्लास की फैसिलिटी उपलब्ध कराने की है। बेहतरीन सड़कें, रेस्ट हाउस, लाइट अरेंजमेंट के साथ पर्यटकों की जानकारी के लिए साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे। हर साल सूफी संगीत महोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। ताकि लोगों को सूफी परंपरा से रू-ब-रू होने का मौका मिल सके। इस पहल से स्थानीय व्यापारियों, होटल और गाइड सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। नए पर्यटन स्थलों के विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पुनौराधाम: धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र
बिहार सरकार पुनौराधाम को भी एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। यह स्थान माता सीता की जन्मस्थली मानी जाती है और इसे पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए सरकार द्वारा ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है। सरकार यहां इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क और पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर रही है, जिससे यह स्थान एक बड़े धार्मिक केंद्र के रूप में उभरे।