Birendra Krishna Bhadra : बंगाल में बंग भाषी हिंदुओं के लिए संभवतः सबसे पवित्र सबसे पूज्यनीय आवाज है बीरेंद्र कृष्ण भद्र की। प्रातः चार बजे समूचा बंगाल भद्र जी की आवाज में चंडीपाठ सुनेगा..फिर गंगा स्नान को निकलेगा। गंगाजी के हर घाट पर मानव समूह का हिलोर उमड़ पड़ेगा।
बीरेंद्र कृष्ण भद्र एक प्रसिद्ध बंगाली रेडियो प्रसारक, अभिनेता और निर्देशक थे। उन्हें महालया पर याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने “महिषासुर मर्दिनी” नामक एक रेडियो कार्यक्रम के लिए श्लोकों का पाठ किया, जिसने देवी दुर्गा के पृथ्वी पर अवतरण की कथा को दर्शाया और दुर्गा पूजा के आगमन की घोषणा की। उनकी यह आवाज़ महालया और दुर्गा पूजा के मौसम का पर्याय बन गई है।
बीरेंद्र कृष्ण भद्र एक नाटककार, अभिनेता, कथावाचक और थिएटर निर्देशक थे, जिनका ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) के लिए काम करने का एक लंबा इतिहास था।
उन्होंने 1930 के दशक की शुरुआत में कई वर्षों तक आकाशवाणी के लिए काम किया और कई क्लासिक नाटकों का रूपांतरण किया।
महालया के दिन, सुबह-सुबह, बीरेंद्र कृष्ण भद्र द्वारा संस्कृत ‘चंडी पाठ’ का गायन, जिसमें दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन और महिषासुर के वध का वर्णन है, एक सदियों पुरानी परंपरा बन गई है।
यह कार्यक्रम 1930 के दशक से प्रसारित हो रहा है और भद्र की आवाज़ महालया और देवी पक्ष की शुरुआत का प्रतीक बन गई है।
बंगालियों के लिए, महालया की सुबह उनकी आवाज़ को सुनना एक पीढ़ीगत परंपरा और जुड़ाव का अनुभव है, जो आज भी लोगों को एक साथ लाती है।
