Chinese American Defence Stocks Fall:
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के बाद रक्षा कंपनियों के शेयरों में उतार चढ़ाव है. संघर्ष विराम के बाद जहां चीन की रक्षा कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए. वहीं दूसरी ओर भारतीय रक्षा कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिला. भारतीय रक्षा स्टॉक में तेजी के पीछे की वजह देश में ही हथियारों के निर्माण को वजह देना माना जा रहा है.
भारत और पाकिस्तान के बीच चले हवाई संघर्ष में भले ही पाकिस्तान अपनी जीत के झूठे दावे कर रहा हो, असल लड़ाई तो भारत और चीन के बीच चल रही थी. इस लड़ाई में ना तो किसी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ और ना ही किसी मिसाइल का. इस लड़ाई में तो दोनों देशों की डिफेंस कंपनियों की साख दांव पर लगी हुई थी. जी हां, हम यहां पर बात शेयर बाजार की कर रहे हैं. भारत-पाक संघर्ष के दौरान जहां भारत की डिफेंस कंपनियों के शेयर रॉकेट बने हुए थे. वहीं दूसरी ओर चीनी शेयर बाजार के डिफेंस स्टॉक फुस्सी बम की तरह धराशाई हुए. इसका मतलब है कि भारत ने दोनों ही मोर्चों पाकिस्तान के सामने आसमान पर और चीन के सामने शेयर बाजार पर बाजी मारी.
वास्तव में भारत के साथ चार दिनों के हवाई युद्ध में भारत के खिलाफ जीत के पाकिस्तान के छाती पीटने वाले दावों को बेनकाब करते हुए, शेन्जेन और मुंबई के शेयर बाजार इस बात की कहीं अधिक खुलासा करने वाली तस्वीर पेश कर रहे हैं कि वास्तव में कौन विजयी हुआ. पाकिस्तान ने भले ही तीन राफेल सहित पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा करते हुए एक सिनेमाई जीत का दावा किया हो. लेकिन चीनी डिफेंस स्टॉक्स में भारी बिकवाली और भारतीय डिफेंस शेयरों में तेजी से यह स्पष्ट हो गया है कि आसमान पर हुए इस युद्ध में किसकी फतेह हुई है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर चीनी डिफेंस शेयरों में कितनी गिरावट देखने को मिली वहीं भारत के डिफेंस शेयरों में कितना इजाफा देखने को मिला है.
चीनी डिफेंस शेयरों में बड़ी गिरावट
चीनी स्टॉक एक्सचेंज शेन्जेन में लिस्टेड एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट कंपनी, जो पाकिस्तान द्वारा तैनात जे-10सी लड़ाकू विमानों की निर्माता है, पिछले तीन कारोबारी सत्रों में 9 फीसदी से अधिक गिर गई. पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइलों की मेकर कंपनी झूझोउ होंगडा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प के शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली और कंपनी की वैल्यूएशन 10 फीसदी कम हो गई. खास बात तो ये है कि गिरावट का ये सिलसिला यहीं नहीं रुका. जब से सैटेलाइट तस्वीरों ने पाकिस्तान के भारतीय एयरबेस को नुकसान पहुंचाने के दावों की हवा निकाली है और भारतीय वायुसेना के पाकिस्तानी एयरबेसों में विनाश के दावे को बिल्कुल सटीक तरीके से पुष्ट किया है. तब से चाइना एयरोस्पेस टाइम्स इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में 2 दिनों में 7 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि ब्राइट लेजर टेक्नोलॉजीज, नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप, चाइना स्पेससैट और एवीआईसी एयरक्राफ्ट के शेयरों में 5-10 फीसदी तक की गिरावट देखी गई.
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकने के बाद चीन की बड़ी रक्षा कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है. 13 मई को हैंग सेंग चाइना ए एयरोस्पेस एंड डिफेंस इंडेक्स 3% नीचे कारोबार कर रहा था. एवीआईसी चेंगदू के शेयर 9.31% और झूजोउ होंगडा के शेयर 6.42% तक गिर गए. एवीआईसी चेंगदू कंपनी JF-17 थंडर और J-10C फाइटर जेट बनाती है. वहीं झूजोउ कंपनी PL-15 मिसाइल बनाती है.
भारत में रॉकेट डिफेंस स्टॉक
दूसरी ओर, निवेशक भारतीय डिफेंस शेयरों को खरीदने के लिए कतार में लगे हुए दिखाई दिए. विश्लेषकों का कहना है कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने स्वदेशी हथियारों और अत्याधुनिक घरेलू तकनीकों द्वारा संचालित भारतीय सेना की विशाल शक्ति को प्रदर्शित किया. निफ़्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने तीन दिनों में 10 फीसदी की शानदार बढ़त दर्ज की, जिसमें आइडियाफोर्ज, जीआरएसई, कोचीन शिपयार्ड और भारत डायनेमिक्स ने सिर्फ़ एक हफ़्ते में 38% तक की बढ़त दर्ज की.
इंफोमेरिक्स वैल्यूएशन एंड रेटिंग्स लिमिटेड के चीफ इकोनॉमिस्ट डॉ. मनोरंजन शर्मा ने ईटी की रिपोर्ट में कहा कि भारत ने अपने सभी घोषित रणनीतिक उद्देश्यों को हासिल कर लिया है, ऑपरेशन सिंदूर एक स्पष्ट सफलता थी… स्वदेशी हथियारों और अत्याधुनिक घरेलू तकनीकों द्वारा संचालित एक सफलता. उन्होंने कहा कि डिफेंस शेयरों में तेजी रहने का अनुमान है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना ने दावा किया कि उसने कई भारतीय लड़ाकू विमानों, रडार सिस्टम और यहां तक कि बेशकीमती सुदर्शन एस-400 एयर डिफेंस बैटरी को नष्ट कर दिया. भारत ने तुरंत जवाब भी दिया और वो भी सुबूत के साथ.
पीएम मोदी ने खोली पोल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए आदमपुर एयरबेस पर नष्ट हो चुके एस-400 के ठीक सामने तस्वीर खींचवाई, जिसे कथित तौर पर पाकिस्तानी हाइपरसोनिक मिसाइल ने धूल में मिला दिया था. यह बेस ऑपरेशन सिंदूर का केंद्र था. 23 मिनट की तेज उड़ान में, भारतीय जेट ने न केवल पाकिस्तान के चीन द्वारा सप्लाई किए गए एयर डिफेंस नेटवर्क को जाम कर दिया, बल्कि लोइटरिंग म्यूनिशन या आत्मघाती ड्रोन का उपयोग करके रणनीतिक पाकिस्तानी एयरबेस- नूर खान और रहीमयार खान को भी नष्ट कर दिया.
मलबे से, भारतीय बलों ने पीएल-15 मिसाइलों के हिस्से, यिहा या यीहाव नामक तुर्की मूल के यूएवी, क्वाडकॉप्टर और लंबी दूरी के रॉकेट बरामद किए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जीत का दावा करना पाकिस्तान की पुरानी आदत है, उन्होंने 1971 और कारगिल में भी यही किया था.
चीन के कितने हथियार?
SIPRI के आंकड़ों के अनुसार, चीन 2020-24 में पाकिस्तान को हथियार बेचने वाला सबसे बड़ा देश था. पाकिस्तान के 81% हथियार चीन से आए थे. नीदरलैंड 5.5% के साथ दूसरे और तुर्की 3.8% के साथ तीसरे स्थान पर था. पाकिस्तान ने भारत के साथ लड़ाई में तुर्की के ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था.
डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ाने का लक्ष्य
सरकार अब भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है, जो वित्त वर्ष 2025 में लगभग 24,000 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है, जिसे 2029 तक 50,000 करोड़ रुपए तक ले जाना है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा कि हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र और दुनिया का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्ट बनाना है. लक्ष्य हासिल करने के लिए, हमें अपने डिफेंस कंपोनेंट्स की गुणवत्ता के बारे में वैश्विक विश्वास विकसित करना होगा और ऑपरेशन सिंदूर ने ऐसा ही किया.
इंडियन कंपनियों के लिए अच्छी खबर
ओमनीसाइंस कैपिटल के अश्विनी शमी ने ईटी की रिपोर्ट में कहा कि आकाश एसएएम और इलेक्ट्रॉनिक वॉर जैसी स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की बड़ी सफलता ने विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को दर्शाया है और मांग को और मजबूत किया है. हमारी सीमाओं को मजबूत करने और हमारी तैयारियों को बढ़ाने की आवश्यकता ने रक्षा उपकरणों की निरंतर मांग स्थापित की है और रक्षा कंपनियों के लिए उनके ऑर्डर बुक और टॉप लाइन में मजबूत वृद्धि से यह बेहद सकारात्मक है. उन्होंने कहा चीनी और पाकिस्तान में अन्य डिफेंस सिस्टम के मुकाबले मेड इन इंडिया डिफेंस सिस्टम के प्रदर्शन से ग्लोबल डिमांड में वृद्धि होने की संभावना है.
भारत में दिखा उलटा ट्रेंड
इसके उलट, भारत के डिफेंस स्टॉक्स में आज तेजी देखने को मिली. इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर जोर देना है. उन्होंने कहा कि हमें मिलिट्री के मामले में आत्मनिर्भर बनना होगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने पहले भाषण में मोदी ने बीते रोज पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई बताया. उन्होंने कहा कि यह न्याय के लिए भारत का अटल संकल्प है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब ‘न्यू नॉर्मल’ है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कार्रवाई को रोक दिया था. आगे की कार्रवाई पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते.
इसके बाद HAL, BDL और BEL के शेयरों में 8% तक की तेजी आई. कारोबार के दौरान BDL के शेयर 7.81% बढ़कर 1,692.35 रुपये पर पहुंच गए. HAL के शेयर 4.32% की तेजी के साथ 4,631.35 रुपये पर पहुंचे. BEL के शेयरों में 4.28% की बढ़त दर्ज की गई. जेन टेक्नोलॉजीज के शेयर 4.3% बढ़कर 1,539.95 रुपये पर पहुंच गए. इसी तरह डेटा पैटर्न्स (इंडिया) लिमिटेड और एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लिमिटेड के शेयरों में भी तेजी आई. पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी लिमिटेड के शेयर भी बढ़े.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने आधुनिक युद्ध में अपनी ताकत दिखाई है. अब हमें स्वदेशी तकनीक के माध्यम से डिफेंस इनोवेशन में आगे बढ़ना चाहिए.
पाकिस्तान का घमंड तोड़ भारत ने 5 दिन में कमाए 26.44 लाख करोड़, दुनिया भी हैरान
पहले ऑपरेशन सिंदूर उसके बाद भारत पाक संघर्ष फिर सीजफायर, मौजूदा महीने में भारत ने कई रंग एक साथ जीए, लेकिन जो मजा बीते 5 दिनों में आया, उतना इस दौरान किसी भी दिन देखने को नहीं मिला. उसका कारण भी है. बीते 5 कारोबारी दिनों में शेयर बाजार में पैसों का ऐसा तूफान आया है, जिससे शेयर बाजार के 21.50 करोड़ से ज्यादा निवेशक सराबोर हो गए. आंकड़ों को देखें तो पाकिस्तान का घमंड तोड़ने के बाद शेयर बाजार में 4 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है. जिसकी वजह से निवेशकों को 5 दिनों 26.44 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ है.
खास बात तो ये है कि दुनिया के किसी बड़े बाजार में इतनी तेजी देखने को नहीं मिली है, जितनी भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखी गई है. वो भी तब जब भारत का संघर्ष पाकिस्तान से देखने को मिला हो, उसके साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति चीन खड़ा हो. उसके बाद भी भारतीय शेयर बाजार ने अपने आपको संभाले ही नहीं रखा, बल्कि दुनिया के तमाम बाजारों के मुकाबले सबसे ज्यादा रिटर्न भी दिया. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत के शेयर बाजार में बीते हफ्ते किस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं.