Complaint Against Rahul Gandhi : संसद में हुई धक्का मुक्की के मामले में राहुल गांधी पर FIR दर्ज कर ली गई है. उनके खिलाफ भाजपा नेताओं ने शिकायत की थी और हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे, पुलिस ने हत्या के प्रयास बीएनएस की धारा 109 को हटाकर, बाकी सभी धाराएं वो लगाई हैं जिनकी भाजपा ने शिकायत की थी.
संसद में मकर द्वार क पास गुरुवार को धक्का मुक्की हो गई थी. भाजपा सांसदों का आरोप है कि राहुल गांधी के धक्का देने की वजह से दो सांसदों को गंभीर चेाट आई है. दोपहर में भाजपा नेताओं के एक दल ने थाने पहुंचकर बीएनएस यानी भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 115, 117, 125, 131 और 351 के तहत मामला दर्ज करने का आग्रह किया था. इनमें ने पुलिस ने 109 धारा को हटाकर बाकी धाराओं में FIR दर्ज की है. ये सभी धाराएं अलग-अलग आरोपों के चलते लगाई गई हैं. इनमें अलग-अलग सजा का प्रावधान भी है.
BNS की धारा और सजा का प्रावधान
धारा 115: भारतीय न्याय संहिता में धारा 115 स्वेच्छा से चोट पहुंचाने पर लगाई जाती है. इसमें कोई व्यक्ति अगर इंटेशन से कुछ ऐसा करता है जिससे किसी दूसरे को चोट पहुंचे तो वह सजा का भागी होता है. थप्पड़ मारना, धक्का मारना, किसी पर कुछ फेंक देने पर यही धारा लगती है. इसमें अधिकतम एक वर्ष तक की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है.
धारा 117: भारतीय न्याय संहिता की धारा 117 तब लगाई जाती है जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है. इस अपराध में अधिकतम सात साल जेल की सजा हो सकती है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यह धारा गैर जमानती है, लेकिन कम गंभीर मामलों में जमानत दी भी जा सकती है.
धारा 125: इस धारा के तहत किसी व्यक्ति की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्यों को अपराध माना जाता है. यानी कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से शारीरिक या मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाने का खतरा पैदा होता है, तो उसे सजा हो सकती है. इस अपराध में छह माह तक की जेल या दो हजार पांच सौ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को चोट पहुंचती है तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है.
धारा 131: इस धारा के तहत आपराधिक धमकी देने और अन्य कारण से हमला करने पर सजा का प्रावधान है. जैसे किसी को जोर से धक्का देना, मारना, हाथापाई करना. इसके तहत दोष सिद्ध होने पर तीन माह तक की जेल और एक हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
धारा 351: यह धारा आपराधिक धमकी से जुड़ी है, किसी व्यक्ति को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी देना या धमकी भरे अंदाज में इशारा करना, हथियार उठाने पर यह धारा लगाई जाती है. किसी को सार्वजनिक धमकी देना या महिला के साथ गलत व्यवहार पर भी यह धारा लगाई जा सकती है. इसमें दोष सिद्ध होने पर दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
धारा 3(5): इस धारा के तहत आपराधिक कृत्य कई लोगों द्वारा मिलकर किया जाता है, इसमें समूह में शामिल हर व्यक्ति अपराध के लिए जिम्मेदार होता है, भले ही किसी एक ने यह अपराध किया हो. समूह को हर सदस्य को समान रूप से दोषी माना जाएगा.