Dhurandhar ! औरंगजेब के बाद रहमान…

Bindash Bol

गोविंद परिहार

Dhurandhar : आधा दर्जन स्टार अभिनेताओं से भरी होने के बावजूद धुरंधर को देखनी की बड़ी वजह थे इसके निर्देशक आदित्य धर। जिन्होंने 2019 में उरी बनाकर तहलका मचा दिया था! उनसे कुछ ऐसी ही उम्मीद थी! सच्ची घटनाओं से काल्पनिक कहानी बुनी गई है जो अच्छी तो है! कहानी लम्बी है इसलिए दो पार्ट में दिखाने का फैसला लिया गया! इसी वजह से कुछ कमियां भी है!

कंधार हाईजैक और 2001 संसद हमले के बाद भारतीय इंटेलिजेंस एक जासूसी मिशन शुरू करती है जिसका नाम है धुरंधर। मिशन का काम पाकिस्तान में जाकर, उनके साथ रहकर आतंक का सफाया करना। ये बोलना जितना आसान है दिखाना या करना बहुत मुश्किल। यही इस फ़िल्म में दिखाया गया है। फ़िल्म का पहला पार्ट 2 घण्टे का है उसमें कुछ अच्छे सीन आते हैं लेकिन इंगेज नहीं रख पाता। इंटवरल के बाद कहानी रफ़्तार पकड़ती है, जिसमें रोमांच, देशभक्ति, एक्शन, इमोशन सब है! और खत्म भी ऐसी जगह होती है जहाँ दूसरे पार्ट को देखने की कसक रह जाती है।

इस धुरंधर का असली हीरो और विलेन एक ही इंसान है रहमान डकैत। अक्षय खन्ना ने ऐसा ऐतिहासिक किरदार निभाया है जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा! बिना किसी खास कदकाठी के खूंखार, कसाई, रहमान बलोच (असली नाम) आदमी के रूप में अक्षय ने कहर ढा दिया है। उनका हर सीन, हर संवाद पूरी फिल्म में छाया रहता है। रोल भी काफी लंबा है। कई सीन में बिना डॉयलॉग के भी गहरा असर छोड़ते हैं, यही दमदार अभिनय की निशानी है! छावा में औरंगजेब के बाद रहमान डकैत का ये रोल भी उनकी फिल्मोग्राफी में हमेशा ऊपर रहेगा!

फ़िल्म में कई डॉयलॉग हैं जो दमदार हैं। मुझे संजय दत्त का काम औसत लगा। वो ऐसा लगातार कर रहे हैं! भारतीय अफसर के रूप में माधवन ने बेहतरीन काम किया है। पहचान में ही नहीं आते। पाकिस्तानी मेजर इकबाल के रूप में अर्जुन रामपाल ने भी छाप छोड़ी है! इसमें उनका रोल छोटा है लेकिन बहुत ही पावरफुल है। अगला पार्ट उन्हीं पर आधारित होगा! रणवीर सिंह ने अच्छा काम किया है, वे रोल में घुसने के लिए फेमस हैं, यहाँ भी उन्होंने यही किया है। हीरोइन सारा अर्जुन और उनके पिता राकेश बेदी का काम भी बेहतरीन है। सारा को बहुत क्लोजअप शॉट दिए गए हैं जिससे उनकी खूबसूरती और मासूमियत उभरकर आयी है।

फ़िल्म में मास वैल्यू ज्यादा, क्लास कम है! इसलिए उतनी दमदार नहीं लगी जैसा ट्रेलर देखकर अनुमान था! फ़िल्म की एडीटिंग बेहतर हो सकती थी, छोटी भी होनी चाहिए थी! लेकिन बजट बहुत ज्यादा (350 करोड़) था इसलिए दो पार्ट में रिलीज का फैसला लिया गया जो सही है! इस सब के बावजूद फ़िल्म देखने लायक है! गाली बहुत हैं लेकिन म्यूट कर दिया गया है! एक्शन सीन बहुत ही दर्दनाक हैं, बच्चों को नहीं दिखा सकते! बीजीएम और ‘गहरा हुआ’ गाना अच्छा है! अक्षय खन्ना के लिए जरूर देखनी चाहिए!

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