DRDO : भारत का अग्नि-5 बंकर बस्टर बनाम अमेरिका का GBU-57 MOP, कौन है ज्यादा ताकतवर?

Bindash Bol

DRDO : अमेरिका का GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP) दुनिया का सबसे बड़ा पारंपरिक बंकर बस्टर बम है, जो केवल भारी बॉम्बर विमान (जैसे B-2) से गिराया जा सकता है। हाल ही में इसका इस्तेमाल ईरान के Fordo जैसी गहरी भूमिगत न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाने के लिए किया गया था।

इसके मुकाबले, भारत ने अग्नि-5 बंकर बस्टर संस्करण एक मिसाइल आधारित समाधान विकसित है, जिसमें 7.5 से 8 टन तक का भारी वारहेड लगाया जा सकता है।

अब सवाल यह है कि कौन ज्यादा ताक़तवर है और साथ ही कम खर्चीला भी है?
आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं …..

सबसे पहले, MOP बम का वजन लगभग 13.6 टन है और यह लगभग मैक 3 (लगभग 1.03 किमी/ सेकंड) की गति से जमीन पर हमला करता है। इसके मुकाबले, अग्नि-5 बंकर बस्टर मिसाइल का वारहेड वजन लगभग 7.5 टन ही है, लेकिन इसकी गति मैक 12 (लगभग 4.12 किमी/सेकंड) तक पहुंचती है।

गति के इस अन्तर में ही, ना कि वारहेड के वजन में अग्नि-5 की ताकत छिपी है। क्योंकि गतिज ऊर्जा की गणना में गति का वर्ग लिया जाता है, इसलिए अग्नि-5 का वारहेड MOP की तुलना में कई गुना अधिक ऊर्जा के साथ लक्ष्य पर वार करता है।

यदि हम इसे TNT विस्फोटक के बराबर देखें, तो अग्नि-5 बंकर बस्टर लगभग 22.5 टन TNT विस्फोट के बराबर प्रभाव डालता है, जबकि MOP उससे कम लगभग 15.3 टन TNT के बराबर ही प्रभाव डाल पाता है।

यह स्पष्ट करता है कि अग्नि-5 न केवल तेज है बल्कि अधिक शक्तिशाली भी है।

अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे उन्नत अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5,000 से 8,000 किलोमीटर तक की दूरी पर मार कर सकती है। इसका बंकर बस्टर संस्करण खास तौर पर गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो 80 से 100 मीटर (262.5 फीट से 328 फीट) तक कंक्रीट या चट्टान युक्त जमीन के अंदर घुस कर तबाही मचा सकता है।

जबकि अमेरिकी GBU-57 MOP बम 60 मीटर (लगभग 200 फिट) तक की गहराई तक ही जा सकता है।

हमारी अग्नि-5 मिसाइल न केवल भारी वारहेड ले जाने में सक्षम है, बल्कि हाल ही में इसमें मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक भी जोड़ी गई है, जिससे एक मिसाइल से एक से अधिक लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है।

MIRV यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल बोले तो एक ऐसी आधुनिक तकनीक है, जिसमें एक ही मिसाइल के अंदर कई वॉरहेड लगाए जा सकते हैं। इन वॉरहेड्स को कंप्यूटर की मदद से इस तरह प्रोग्राम किया जाता है कि ये एक साथ या अलग-अलग समय पर सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं।

चूंकि एक ही मिसाइल से कई दिशाओं में वॉरहेड छोड़े जाते हैं, इसलिए दुश्मन की मिसाइल #डिफेंस सिस्टम के लिए इन्हें ट्रैक करना और रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है।
इतना ही नहीं इसकी सबसे खतरनाक क्षमता यह है कि MIRV मिसाइलें #परमाणु हथियार भी ले जा सकती हैं। जरूरत पड़ने पर एक ही जगह पर कई वॉरहेड गिराकर भारी तबाही मचाई जा सकती है, या फिर अलग-अलग जगहों पर हमला किया जा सकता है।

इसका सार यह हुआ कि ईरान के फोर्डो से अपने निकटतम एयर बेस डिएगो गार्सिया जो लगभग 5,185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है,अगर अमेरिकी भीमकाय Spirit B-2 बॉम्बर उड़ान भर कर वहाँ बमबारी करने जाता है तो उसे लगभग 5 घंटे 8 मिनट वहां पहुँचने में लगेंगे, लक्ष्य तलाशने और निशाना लगाने का समय अलग से।

वहीं अगर वहीँ से अग्नि 5 बंकर बस्टर मिसाइल दागी जाय तो वो मात्र लगभग 20 मिनट 58 सेकंड में ही वो 300 फीट से अधिक की गहराई में तबाही मचा चुकी होगी।
मतलब यह हुआ कि भारत को B-2 जैसे डायनासोर की जरूरत ही नहीं है…।

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