गयाना की संसद में भाषण के साथ PM मोदी ने लिखा इतिहास, जानें क्या कहा

Bindash Bol

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 नवंबर को गयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। गयाना की संसद में भाषण के साथ PM मोदी ने लिखा इतिहास। यह उनके ग्लोबल डिप्लोमैटिक आउटरीच में एक और महत्वपूर्ण क्षण है। बता दें कि यह 14वां ऐसा अवसर है, जब पीएम मोदी ने विदेशी संसद में भारत के लोगों की ओर से संबोधन दिया। नरेन्द्र मोदी विदेशी संसदों को सबसे ज्यादा बार संबोधित करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

गयाना की संसद में भाषण के साथ PM मोदी ने लिखा इतिहास, जानें क्या कहा…

  • “भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता मिट्टी का है, पसीने का है, परिश्रम का है। करीब 180 साल पहले किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में, सुख में, कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता आत्मीयता से भरा रहा है।”
  • “मैं गयाना की चटनी नहीं भूल सकता। चटनी भारत की हो या गयाना की, वाकई कमाल की होती है। बहुत कम ऐसा होता है जब आप किसी दूसरे देश में जाएं और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे। पिछले दो 200-250 साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी। एक जैसा संघर्ष देखा। दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट थी।”
  • “हमें वैश्विक परिस्थितियों पर भी नजर रखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे तब दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने जो चुनौतियां हैं वो पूरी तरह अलग हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनीं व्यवस्थाएं और संस्थाएं ध्वस्त हो रहीं हैं। कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना है, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई है। इन परिस्थितियों में आज विश्व के सामने आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है डेमोक्रेसी फर्स्ट, ह्यूमैनिटी फर्स्ट। डेमोक्रेसी फर्स्ट की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। ह्यूमैनिटी फर्स्ट की भावना हमारे निर्णयों की आधार बनती है तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले ही होते हैं।”
  • “आज भारत विश्व बंधु के रूप में अपने कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचें। आपने कोरोना का वो समय देखा है जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के साथ दवाएं और टीका शेयर किए। मुझे संतोष है कि भारत उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई, भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका, मालदीव, जिन भी देशों में संकट आया भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की। नेपाल से लेकर तुर्किए और सीरिया तक जहां-जहां भूकंप आए भारत सबसे पहले पहुंचा।

किस प्रधानमंत्री ने कितनी बार विदेशी संसदों को किया संबोधित

विदेशी संसदों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब तक सबसे ज्यादा 14 बार संबोधित कर चुके हैं, जो पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए 7 संबोधनों से दोगुना है। वहीं, इंदिरा गांधी ने विदेशी संसद में 4 बार संबोधन दिया है, जबकि जवाहरलाल नेहरू ने 3 बार, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने 2 बार संबोधित किया है। वहीं, मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव जैसे अन्य प्रधानमंत्रियों ने सिर्फ एक बार विदेशी संसद को संबोधित किया है।

ग्लोबल फोरम पर मोदी के संबोधन भारत के बढ़ते प्रभाव के साक्षी

पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका से लेकर यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया तक दुनिया भर की तमाम संसदों में भाषण दिए हैं। ग्लोबल फोरम पर उनके संबोधन भारत के बढ़ते प्रभाव को दिखाते हैं। पीएम मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दो बार 2016 और 2023 में संबोधित किया है। 2014 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और फिजी की संसदों को संबोधित किया। 2015 में प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश संसद को संबोधित किया।

अफ्रीका-एशिया के देशों की पार्लियामेंट में भी दिया संबोधन

वहीं, अफ्रीका में प्रधानमंत्री ने 2015 में मॉरीशस की नेशनल असेंबली और 2018 में युगांडा की संसद को संबोधित किया। एशिया की बात करें तो पीएम मोदी ने 2014 में भूटानी संसद और नेपाल संविधान सभा के संयुक्त सत्र की संसद को, 2015 में श्रीलंका, मंगोलिया और अफगानिस्तान की संसदों को और 2019 में मालदीव की संसद को संबोधित किया।

विदेशी धरती पर 21वीं बार महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे मोदी

गयाना की यात्रा में पीएम मोदी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह 21वां ऐसा मौका होगा, जब पीएम मोदी विदेशी धरती पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इससे पहले 23 अगस्त, 2024 को जब पीएम मोदी कीव, यूक्रेन की यात्रा पर थे, तो उन्होंने गांधी जी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। वहीं 21 जून, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में गांधी जी को श्रद्धांजलि दी थी। मई 2023 में, पीएम मोदी ने जापान के हिरोशिमा में गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण किया था। उससे पहले 29 अक्टूबर, 2021 को इटली के रोम में उन्होंने गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। 2019 में, अबू धाबी की यात्रा के दौरान मोदी ने मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ मिलकर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया था, जिसमें गांधी जी के शांति के संदेश का जिक्र था। इसी साल दक्षिण कोरिया के सियोल में उन्होंने गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण किया।

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