हेमंत सोरेन पर जनता को भरोसा, फिर क्यों फंस गए झारखंड सरकार के ये मंत्री?

Bindash Bol

रमेश सिंह

रांची : झारखंड के दंगल में जनता ने हेमंत सोरेन को तो राहत दी है, लेकिन उनके मंत्रियों को फंसा दिया है. हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे 5 नेता अपने-अपने सीट से पिछड़ रहे हैं. कहा जा रहा है कि चारों चुनाव हार सकते हैं. इनमें एक जेएमएम, दो कांग्रेस और एक आरजेडी कोटे के मंत्री हैं.

वहीं 2 मंत्री अपनी सीटों पर बुरी तरह फंस गए हैं. इनकी सीट पर हर राउंड के बाद सियासी उलटफेर हो रहे हैं. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए हुए मतदान में हेमंत सोरेन की सरकार रिपीट होती नजर आ रही है.

हेमंत सोरेन सरकार के ये मंत्री फंस गए

मिथिलेश ठाकुर– हेमंत और चंपई सोरेन सरकार में पूरे 5 साल मंत्री रहे मिथिलेश ठाकुर गढ़वा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मिथिलेश यहां पर त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं. गढ़वा सीट पर बीजेपी के सत्येंद्र नाथ तिवारी 15 हजार के ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं. कहा जा रहा है कि मिथिलेश के लिए यहां कमबैक करना आसान नहीं है.

ठाकुर 2019 में पहली बार यहां से विधायक चुने गए थे, जिसके बाद उन्हें हेमंत ने अपने कैबिनेट में ले लिया था. ठाकुर को हेमंत सोरेन का करीबी माना जाता है. गढ़वा में हेमंत और कल्पना ने डैमेज कंट्रोल के लिए करीब 4 रैलियां की थी. हालांकि, इसके बावजूद मिथिलेश चुनाव के चक्रव्यूह में फंस गए.

बन्ना गुप्ता– जमशेदपुर पश्चिम सीट से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे बन्ना गुप्ता भी पिछड़ते नजर आ रहे हैं. उन्हें जनता दल यूनाइटेड के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे सरयू राय मात देने में जुटे हैं. सरयू राय को निर्णायक बढ़त मिल चुकी है.

कहा जा रहा है कि बन्ना के लिए यह सीट कमबैक करना अब आसान नहीं है. बन्ना गुप्ता हेमंत सोरेन की सरकार में स्वास्थ्य विभाग के मंत्री थे. उनके खिलाफ पार्टी के विधायकों ने भी मोर्चा खोल रखा था. हालांकि, हाईकमान के आशीर्वाद की वजह से वे पद पर बने रहे.जमशेदपुर पश्चिमी सीट को बीजेपी का गढ़ बना हुआ है.

.सत्यानंद भोक्ता– आरजेडी कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे सत्यानंद भोक्ता इस बार खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहे थे, लेकिन अपनी जगह बहू रश्मि प्रकाश को मैदान में उतार रखा था. रश्मि महागठबंधन की तरफ से चतरा सीट से चुनाव लड़ रही थी.

चतरा सीट पर रश्मि प्रकाश फिसड्डी हो गई है. यहां से लोजपा (आर)के जनार्दन पासवान ने जीत हासिल की है. चतरा सीट यादव बहुल है लेकिन यहां दलित मतदाता ही जीत और हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.

मंत्री रहते भोक्ता के खिलाफ क्षेत्र में भारी नाराजगी भी थी. हालांकि, समीकरण को देखते हुए आरजेडी ने उन्हें फिर से सिंबल दिया था.

बादल पत्रलेख– आखिरी वक्त में मंत्री पद से हटाए गए बादल पत्रलेख भी जरमुंडी में फंस गए. कांग्रेस सिंबल पर मैदान में उतरे बादल बुरी तरह चुनाव हार रहे हैं. बादल के जरमुंडी सीट पर बीजेपी के देवेंद्र कुंवर निर्णायक बढ़त हासिल कर चुके हैं.

हालांकि, आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है. बादल पत्रलेख हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्री थे.

बेबी देवी-हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बेबी देवी चुनाव हार गई हैं. उन्हें जयराम महतो ने पटखनी दी है. बेबी देवी दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी हैं. जगरनाथ महतो झारखंड आंदोलन के नेता रहे हैं.
बेबी देवी की हार की बड़ी वजह कुड़मी वोटों का जेएमएम से किनारा करना है. डुमरी में बेबी की जीत के लिए 2 रैली कल्पना और 2 रैली हेमंत सोरेन ने किया था.

दीपिका और बैद्यनाथ भी मुश्किल में
महगामा से उम्मीदवार दीपिका पांडे और लातेहर से मैदान में उतरे बैद्यनाथ राम की सीट पर भी उलटफेर देखा जा रहा है. दोनों ही जगहों पर हर राउंड के बाद तस्वीरें बदल रही है.

दीपिका पांडे और बैद्यनाथ राम हेमंत सरकार में मंत्री हैं. लातेहर और महगामा सीट पर बीजेपी हेमंत के मंत्रियों को टक्कर दे रही है.

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