High Power Committee: शहरों में पैदल और साइकिल से चलने वालों को मिलेगा ‘सम्मान’, कानून में संशोधन की सिफारिश

Bindash Bol

High Power Committee: केंद्र सरकार की ओर से गठित हाईपावर कमेटी की सिफारिशें मानी गईं तो देश के शहरों की सड़कों पर पैदल और साइकिल से चलने वालों को ‘सम्मान’ मिलेगा। सम्मान इस मायने में कि शहरों की सड़क योजना में पैदल व साइकिल चालकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। वर्ष 2022 की बजट घोषणा के तहत शहरी नियोजन एवं विकास पर सुझाव के लिए बनी हाईपावर कमेटी ने केंद्र सरकार को सौंपी अपनी दूसरी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। साबरमती रिवरफ्रंट विकास निगम के चेयरमैन केशव वर्मा की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी ने पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को यातायात की परिभाषा में शामिल करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन का सुझाव दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़काें की योजना केवल कार चालकों पर केंद्रित करने के साथ सुरक्षित पैदल चलने के स्थानों पर भी फोकस होनी चाहिए। कार केंद्रित योजना में 42 प्रतिशत पैदल चलने वाले लोगों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं जाता। कमेटी ने शहरी विकास योजना बनाते समय पैदल काम पर जाने की संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया है।

पंजाब का उदाहरण, जयपुर में भी बना था स्पेस

कमेटी की रिपोर्ट में पंजाब का उदाहरण दिया है जो पैदल चलने वालों के लिए ‘चलने के अधिकार’ को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। इसके तहत पंजाब में भविष्य में बनने वाली सड़कों या मौजूदा सड़कों की चौड़ाई बढ़ाते समय पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ और साइकिल ट्रैक बनाना जरूरी है। कर्नाटक में भी ऐसे नियम बने हैं। जयपुर में भी इसकी आंशिक शुरुआत की गई थी।

आईएएस की तरह नगर नियोजन सेवा

कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि नगर नियोजन पेशे में योग्य योजनाकारों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय सिविल सेवाओं की तर्ज पर अखिल भारतीय नगर नियोजन सेवा की स्थापना की जानी चाहिए।

50 लाख आबादी वाले शहरों में ही मैट्रो

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ही मैट्रो रेल शुरू करनी चाहिए। देश के सभी प्रमुख शहरों के लिए स्वायत्त यूनिफाइड मैट्रो ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनानी चाहिए जो पेशेवर लोगों के हाथ में हो। यह अथॉरिटी समग्र रूप से परिवहन व यातायात व्यवस्था का प्रबंधन करे।

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