IBCA : भारत का अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों (बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा) के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना है। इसे अप्रैल 2023 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर लॉन्च किया गया था। यह गठबंधन इन प्रजातियों के संरक्षण के लिए ज्ञान, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करने के लिए काम करता है।
मुख्य बिंदु उद्देश्य: सात बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों का संरक्षण, उनके प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा और अवैध शिकार जैसी गतिविधियों पर रोक लगाना।
मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत।
प्रारंभ: 9 अप्रैल, 2023 को, मैसूर में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में।
सदस्यता: यह गठबंधन 97 देशों तक पहुंचता है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं जहां ये बिल्लियाँ पाई जाती हैं (रेंज देश) और वे देश जो संरक्षण में सहायता करना चाहते हैं (गैर-रेंज देश)।
नोडल संस्था: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) भारत में इस पहल का समन्वय करता है।
फंडिंग: आईबीसीए को 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए (150) करोड़ रुपये की बजटीय सहायता आवंटित की गई है।
इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस – उद्देश्य
IBCA का पूरा नाम (IBCA Full Form) इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस है। भारत ने वर्ष 2023 में सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों – बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा के संरक्षण में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (IBCA) की शुरुआत की। भारत में स्थित IBCA वन्यजीवों की रक्षा, अवैध शिकार पर नियंत्रण और अवैध व्यापारिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रयासरत है। यह राष्ट्रों को एक साथ काम करने, सूचनाओं का आदान-प्रदान करने, अनुसंधान करने और संरक्षण का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर, IBCA मज़बूत संरक्षण नेटवर्क बनाने, सहयोगात्मक कार्यों का आयोजन करने और वन्यजीवों के सतत प्रबंधन का समर्थन करने में मदद करता है, जिससे जैव विविधता संरक्षण में भारत को एक मज़बूत नेतृत्व प्राप्त होता है।
इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस चर्चा में क्यों है?
- आईबीसीए ने 16 संस्थापक देशों में विस्तार किया है, जो सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण पर केंद्रित है।
- भारत मेजबान देश के रूप में प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट चीता से विशेषज्ञता साझा कर रहा है।
- सफल संरक्षण उपलब्धियों में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता जनसंख्या वृद्धि और हिमालय में हिम तेंदुओं की बेहतर निगरानी शामिल है।
- यह गठबंधन सीमा पार अवैध शिकार विरोधी प्रयासों और वैश्विक आवास संरक्षण को मजबूत करता है।
- आईबीसीए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है, जो जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिक कूटनीति में भारत के नेतृत्व को उजागर करता है।
