India-China Relations ; पीएम मोदी जा सकते हैं चीन
चीनी विदेश मंत्री वांग यी की यह भारत यात्रा पीएम मोदी की चीन यात्रा से पहले हुई है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से सितंबर की शुरुआत तक चीन की यात्रा कर सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर को भरोसा दिलाया कि चीन ने भारत की तीन अहम मांगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, भारत को कुछ शिपमेंट्स मिलने भी शुरू हो गए हैं। भारत ने चीन से साफ-साफ अपनी नाराजगी जताई थी क्योंकि उर्वरकों (खासकर डाइ-अमोनियम फॉस्फेट) पर अचानक बैन से रबी सीजन की फसलों पर असर पड़ा था। इसके अलावा, चीन ने भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी टनल बोरिंग मशीनों की सप्लाई भी रोक दी थी, जिनमें विदेशी कंपनियों की चीन में बनी मशीनें भी शामिल थीं।
बातचीत में ये मुद्दे शामिल
इससे पहले सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने ओपनिंग रिमार्क्स में कहा था कि बातचीत में आर्थिक और व्यापार के मुद्दे, तीर्थयात्रा, पीपल-टू-पीपल कनेक्ट, नदी के डेटा साझा करना, सीमा व्यापार, कनेक्टिविटी और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। विदेश मंत्री ने उन चिंताओं का फॉलो-अप किया था, जिन्हें उन्होंने जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाया था।
प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए
चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अपने ओपनिंग रिमार्क्स के दौरान, जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया था कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के विभिन्न पहलू और आयाम हैं। उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में यह भी आवश्यक है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए।” जयशंकर ने आगे कहा था, “भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे लाभ के लिए हैं, बल्कि दुनिया के लिए भी हैं। यह आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभाल कर सबसे अच्छी तरह से किया जाता है।”
मतभेदों को विवादों में नहीं बदलना चाहिए
सोमवार को नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री के साथ अपने रिमार्क्स के दौरान, जयशंकर ने कहा था कि मतभेदों को विवादों में नहीं बदलना चाहिए, न ही प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में बदलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चीनी नेता की भारत यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करती है और यह वैश्विक स्थिति और आपसी हित के कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का भी उचित समय है।
कैसे हैं भारत-चीन संबंध?
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की कार्रवाई के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बिगड़ गया था, जिससे अप्रैल-मई 2020 से गतिरोध शुरू हो गया। हालांकि, कुछ पॉइंट्स पर सैनिकों को अलग करने के समझौतों के माध्यम से कुछ प्रगति हुई थी, लेकिन स्थिति संवेदनशील बनी रही।
2024 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ गश्त प्रोटोकॉल पर एक नए समझौते पर पहुंचे थे, जो तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के महीनों में, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें भारत ने लगातार LAC पर तनाव को और कम करने के महत्व पर जोर दिया है।
पीएम मोदी जा सकते हैं चीन
चीनी विदेश मंत्री वांग यी की यह भारत यात्रा पीएम मोदी की चीन यात्रा से पहले हुई है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से सितंबर की शुरुआत तक चीन की यात्रा कर सकते हैं।
