India Pakistan Tensions : कुछ संकेत और भारत-पाकिस्तान के बीच महायुद्ध!

Bindash Bol

India Pakistan Tensions : भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. पहलगाम हमले के बाद भारत ने 27 देशों के राजदूतों को पाकिस्तान की भूमिका बताई, सर्वदलीय बैठक की और पीएम मोदी ने सख्त संदेश दिया. वहीं, पाकिस्तान ने मिसाइल टेस्ट की नोटिस जारी की. रूसी मीडिया ने बड़े टकराव की आशंका जताई. इन छह संकेतों से साफ है कि दोनों परमाणु देशों के बीच हालात बेहद गंभीर मोड़ पर पहुंच चुके हैं.पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. भारत ने जहां सख्त फैसले लेते हुए पाकिस्तान को बर्बाद करने की कहानी लिख दी, वहीं पाकिस्तान भी मिसाइल परीक्षण के लिए नोटिफिकेशन देकर अपनी मंशा जाहिर कर चुका है.

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों परमाणु देशों के बीच टकराव अब केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहेगा? क्या अब कड़ी निंदा और कड़ी कार्रवाई के बाद कुछ बड़ा हो सकता है? नीचे दिए गए 6 संकेत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हालात अब काफी गंभीर हो चुके हैं.

राफेल-सुखोई ने किया युद्धाभ्यास

दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने संभावित युद्ध के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना ने अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों राफेल और सुखोई-30 के साथ युद्धाभ्यास किया है. यह अभ्यास वायुसेना के मध्य सेक्टर में किया गया, जो रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है. राफेल और सुखोई-30 जैसे घातक लड़ाकू विमानों की तैनाती यह दिखाती है कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

27 देशों के राजदूतों के साथ बैठक

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की जानकारी सीधे तौर पर दुनिया के सामने रख दी है. विदेश सचिव ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, चीन, जापान, जर्मनी जैसे देशों के राजदूतों को हमले की ब्रीफिंग दी. भारत के इस कूटनीतिक कदम से स्पष्ट है कि वह अब केवल प्रतिक्रिया नहीं बल्कि कार्रवाई की तैयारी में है.

रूसी मीडिया की बड़ी चेतावनी

रूसी मीडिया में भारत और पाकिस्तान को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार रूसी मीडिया ने कहा कि दो परमाणु हथियारों से लैस देशों के बीच कुछ बड़ा होने वाला है. ऐसे बयान केवल मीडिया तक सीमित नहीं होते, बल्कि ये रणनीतिक संदेश भी होते हैं जो रूस जैसे देशों की खुफिया जानकारी और आकलन पर आधारित होते हैं.

मिसाइल टेस्ट के लिए पाक की ये हरकत

पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल के बीच अरब सागर में मिसाइल परीक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. टेस्ट रेंज 480 किलोमीटर तक बताई जा रही है. इस प्रकार का NOTAM केवल युद्ध-पूर्व सैन्य तैयारियों का हिस्सा नहीं होता, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी होता है. विशेषकर तब जब दुश्मन देश की सीमा पर तनाव चरम पर हो.

राष्ट्रपति से मिले अमित शाह और जयशंकर

हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. आमतौर पर ऐसी बैठकें तब होती हैं जब देश किसी बड़े फैसले की ओर बढ़ रहा हो. यह बैठक संकेत देती है कि भारत इस बार केवल निंदा से आगे बढ़कर निर्णायक कार्रवाई की दिशा में सोच रहा है.

सरकार का सर्वदलीय बैठक बुलाना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने एक सुर में आतंकी हमले की निंदा की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही. इससे यह स्पष्ट है कि पूरे देश का राजनीतिक नेतृत्व अब एकजुट होकर जवाब देने के मूड में है.

पीएम मोदी का बिहार से दिया गया संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी से पाकिस्तान और दुनिया को दो टूक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह हमला भारत की आत्मा पर हमला है और जो लोग इसके पीछे हैं, उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी जिसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की होगी. पीएम मोदी ने भाषण के अंत में अंग्रेजी में भी यह चेतावनी दोहराई ताकि दुनिया भर में इसका स्पष्ट संदेश पहुंचे. पीएम मोदी का बयान और भारत सरकार के हालिया कदम यह साफ दर्शाते हैं कि भारत अब केवल हमलों का जवाब देने की नीति से हटकर आतंक के जड़ को खत्म करने की ओर बढ़ रहा है. यह महायुद्ध सीधे तौर पर भारत की सुरक्षा और आत्मसम्मान से जुड़ा है. आतंक के सरपरस्तों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई अब बस कुछ ही समय की बात लग रही है.

महायुद्ध के मुहाने पर दोनों देश

इन छह बड़े संकेतों को देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत और पाकिस्तान अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच चुके हैं जहां दोनों देशों के बीच संघर्ष टालना अब केवल कूटनीति के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. भारत की राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य तैयारी इस ओर इशारा कर रही है कि यदि पाकिस्तान ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं, तो यह टकराव बहुत जल्द महायुद्ध का रूप ले सकता है.

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