India-Pakistan War : भारत-पाकिस्तान के बीच टेंशन चरम पर है. भारत ने पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया. पाकिस्तान की ओर से की जा रही उकसावे वाली कार्रवाई को देखते हुए भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट को निशाना बनाया और उस पर बड़ा हमला किया. गुरुवार को दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया.
पाकिस्तान ने जम्मू, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हमले किए जिसका भारतीय सेना ने करार जवाब दिया. इसके बाद लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, सियालकोट, पेशावर और बहावलपुर से कोटली तक भारत ने हमला किया. भारत के इस कदम से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है इन शहरों का इतिहास और क्या हैं इनकी खासियत.
लाहौर
लाहौर को पाकिस्तान का दिल कहा जाता है. ये पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी है. कराची के बाद लाहौर पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला शहर है. इस शहर का अपना ही ऐतिहासिक महत्व है. आज पाकिस्तान के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा लाहौर से ही आता है. यह देश के उत्तर-पूर्व में भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित है.
लाहौर पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण शहर है, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विविधता, और स्वादिष्ट पाक कला के लिए जाना जाता है. यह शहर ऐतिहासिक लाहौर फोर्ट, बादशाही मस्जिद, और वागा बॉर्डर जैसे आकर्षणों के लिए मशहूर है, साथ ही अपनी पंजाबी संस्कृति, कला और संगीत के लिए भी जाना जाता है.
लाहौर पाकिस्तान के पर्यटन उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह शहर पाकिस्तान के अधिकांश पर्यटन उद्योग की मेजबानी भी करता है, जिसमें लाहौर किले, शालीमार गार्डन, दीवार वाले शहर, प्रसिद्ध बादशाही, शीश महल, आलमगिरी गेट, नौलखा मंडप और मोती मस्जिद और वजीर खान मस्जिद के साथ-साथ कई सिख और सूफी मंदिर, कृष्ण मंदिर और वाल्मीकि मंदिर और रणजीत सिंह की समाधि शामिल हैं. पंजाबी भाषा लाहौर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली मूल भाषा है. यह दुनिया का सबसे बड़ा पंजाबी भाषी शहर है. लाहौर पाकिस्तान के प्रमुख औद्योगिक और आर्थिक केंद्रों में से एक है. लाहौर पंजाबी फिल्म उद्योग का केंद्र है और कव्वाली संगीत का भी एक प्रमुख केंद्र है.
कराची
जिन्ना की जन्मस्थली के लिए मशहूर कराची पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी है. यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है. अरब सागर के तट पर बसा कराची शहर पाकिस्तान की सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षणिक राजधानी माना जाता है. यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा बंदरगाह शहर भी है. 1947 में जब पाकिस्तान भारत से अलग हुआ था तो कराची को पाकिस्तान की राजधानी के रूप में चुना गया था.
कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर और एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र है. जो अपनी जीवंत संस्कृति, विभिन्न जातीय समूहों और धार्मिक समुदायों के लिए जाना जाता है. कराची में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें, संग्रहालय, पार्क और समुद्र तट हैं. यह शहर पाकिस्तान आने वाले पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है. यहां कई म्यूजियम और खूबसूरत मस्जिदें हैं.
इस्लामाबाद
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को 1960 के करीब बसाया गया था. इस शहर को विशेष रूप से एक ग्रिड पैटर्न पर डिजाइन किया गया था, जिसमें चौड़ी सड़कें, खुली जगहें और पार्क शामिल थे. इस शहर का विकास 1960 और 1970 के दशक में हुआ था, जिसमें सचिवालय, पाकिस्तान हाउस और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी इमारतें बनाई गईं. यह शहर देश के राजनीतिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में कार्य करता है. यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र भी है, जिसमें विभिन्न उद्योग और व्यवसाय स्थित हैं.
इस्लामाबाद में कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान, जैसे कि इस्लामाबाद विश्वविद्यालय और अल्लामा इकबाल ओपन यूनिवर्सिटी स्थित हैं. यह एक सांस्कृतिक केंद्र भी है, जिसमें कई ऐतिहासिक स्थल, संग्रहालय, और कला केंद्र हैं. इस्लामाबाद अपने पार्कों और जंगलों के लिए जाना जाता है, जिसमें मर्गल्ला हिल्स नेशनल पार्क और शकरपारियन शामिल हैं. यह देश की प्रमुख फैसल मस्जिद सहित कई ऐतिहासिक स्थलों का घर है, जो दुनिया की छठी सबसे बड़ी मस्जिद है.
सियालकोट
सियालकोट का इतिहास काफी पुराना और समृद्ध है, जो पंजाबी संस्कृति और इतिहास से गहराई से जुड़ा हुआ है. यह शहर प्राचीनकाल से ही एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. सियालकोट को अक्सर शाकल या “सगुल शहर के रूप में भी जाना जाता है. भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय सियालकोट एक महत्वपूर्ण सीमावर्ती शहर था. आज सियालकोट पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक प्रमुख शहर है, जो अपने उद्योग और कृषि के लिए जाना जाता है.
सियालकोट पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित एक शहर और जिला है, जो अपने उद्योग और खेल सामग्री के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है. सियालकोट को फुटबॉल की राजधानी के रूप में भी जाना जाता है. यहां फुटबॉल, क्रिकेट के बल्ले और गेंदें, और अन्य खेल उपकरण बनाए जाते हैं. सियालकोट पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है.
बहावलपुर
बहावलपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सतलज नदी के दक्षिण-पूर्व में बसा एक बड़ा शहर है. यह पाकिस्तान का 11वां सबसे बड़ा शहर है. बहावलपुर जिला पाकिस्तान के सबसे बड़े ज़िलों में से एक है. 1748 में नवाब बहावल खान ने बहावलपुर की स्थापना की थी. यह पहले एक रियासत थी, जो 1955 तक नवाबों के अब्बासी परिवार के शासन में रही. 1947 में जब भारत का बंटवारा हुआ, तब बहावलपुर पहली रियासत थी, जो पाकिस्तान में शामिल हुई थी.
बहावलपुर अपने ऐतिहासिक स्मारकों और महलों के लिए जाना जाता है. यहां नूर महल, दरबार महल और देरावर किला जैसे कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल हैं. बहावलपुर अपने कालीनों, कढ़ाई और मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है. The Islamia University of Bahawalpur एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है. यहां एक ऐतिहासिक मस्जिद भी है, जिसे जामा मस्जिद सुब्हान अल्लाह के नाम से जाना जाता है. बहावलपुर में ही पाकिस्तान की सेना की 31वीं कॉर्प का मुख्यालय भी है.
पेशावर
पेशावर का इतिहास प्राचीन है. यह दक्षिण एशिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है और प्राचीन गांधार राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर था. पेशावर कुषाण साम्राज्य और दुर्रानी साम्राज्य की राजधानी भी रह चुका है. इस शहर की एक भव्य संस्कृति और इतिहास रहा है. पाकिस्तान की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक इमारतें इसी शहर में हैं. यहीं पर बौद्ध धर्म फला फूला. सम्राट कनिष्क ने इस शहर को अपनी राजधानी बनाया.
दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार का घर इसी पेशावर के मशहूर और ऐतिहासिक क़िस्सा ख़्वानी बाज़ार के मोहल्ला ख़ुदादाद में है. अब यह इलाका अब एक बड़े व्यापारिक केंद्र में बदल गया है. राज कपूर के परिवार का भी तल्लुक पेशावर से है. कपूर हवेली पेशावर के ही दिलगरां इलाके में है. ये हवेली 1918 से 1922 के बीच बनवाई गई थी. राज कपूर भी इसी हवेली में पैदा हुए थे. पेशावर यह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत की राजधानी है. एक जमाने में इसका नाम “पुरुषपुर” था. जिसका उल्लेख किताबों में मिलता भी है. पेशावर में पश्तो भाषा बोली जाती है.
कोटली (पीओके)
कोटली पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का एक हिस्सा है. यह एक ऐतिहासिक शहर है. इसे 12वीं शताब्दी में मंगराल परिवार द्वारा बसाया गया था, जो कश्मीर के शाही मंगराल परिवार की एक शाखा थी. कोटली को पहले कोहटाली कहा जाता था, जिसका अर्थ है ‘पहाड़ के नीचे’ . 1819 में कोटली को सिख साम्राज्य के राजा रणजीत सिंह ने अपने अधीन कर लिया था. 1947 में भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद कोटली को पाकिस्तान के कब्जे में ले लिया गया था और तब से यह पाकिस्तान के नियंत्रण में है.