रेहान अहमद
IPL 2025 : बढ़िया था भाई, तुम आए खेले, कोशिश की, बाकी जीत हार से बढ़कर थे तुम अपनी टीम के लिए। पिछले मैच में तुम्हारा छुपना बचना तुम्हारे ही फैंस को चुभ गया था, पर जहा मुहब्बत होती है, वही नाराजगी भी होती है, और मुहब्बत में नाराजगी न तो लंबी होती है न मजबूत।अब मुझे उन बेचारों की टेंशन हो रही है जो पिछले मैच का मौका पाकर अपनी 2007 से लेकर अब तक की भड़ास निकालने लग गए थे, उन्हें लगा कि ये बढ़िया मौका है, फैंस गुस्सा है,अटैक करो,पर अपने गुस्से की वजह अलग थी, हमारा सिर्फ और सिर्फ गुस्सा था, और बाकी जो तुम्हारे हेटर्स है, वो असल में जलते है बस तुमसे। किसी न किसी के फेवरेट खिलाड़ी का करियर तुम्हारी कप्तानी में खत्म हुआ था तो उसी की भड़ास में सालो से इंतजार कर रहे है तुम्हारे नीचे गिरने का। पर उनकी जलन उनकी तकलीफ साल दर साल बढ़ती ही जा रही है, खासकर तब जब उनके फेवरेट प्लेयर्स को उनकी फ्रेंचाइजी ने वक्त के साथ डंप कर दिया, प तुम्हारी फ्रेंचाइजी के हाथ लाव कांप रहे है तुम्हारे बिना अपनी एक्सीटेंस का सोचने में। उन्हें जलन ही इसी बात की है क्योंकि उनके फेवरेट्स को उनकी दर्जन भर फ्रेंचाइजी ने पूछा भी नहीं, जबकि वो तो आज भी रोते है कि बहुत क्रिकेट बचा था हमारे अंदर। उसपर से तुम्हारी खामोशी, इन बेचारों के ज़ख्मों पर और नमक छिड़कती है, जिनके फेवरेट प्लेयर इंटरव्यू में तुम्हारा नाम ले लेकर थक गए, पर तुमने पलट कर जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा। बस तुम खेलते रहो,20 ओवर की कीपिंग कर ले रहे हो तो 20 ओवर खेल भी लोगे, बाकी हार जीत तो खेल का हिस्सा है, तुम खेल हो।