रेहान अहमद
IPL 2025 : हा तो भई हार्दिक पांड्या आखिर, चेला तो धोनी का ही है, अच्छा खासा पांच विकेट ले के बैठा था, बैटिंग में भी ठीक ठाक खेल गया, जनता जनार्दन वेल प्लेड का टेम्पलेट तैयार करके बैठी थी, रील वाले भी “i tried so hard” गाने पर रील बनाए बैठे थे कि भाई ने खुद ही सब बर्बाद कर दिया।पहले तो तिलक वर्मा को बाहर भेज दिया, कि जाओ आराम करो, दिन नहीं तुम्हारा, और फिर लास्ट में सेंटनर को सिंगल देने से मना कर दिया। सेम यही चीज पाकिस्तान के मैच में रऊफ के ओवर में,हार्दिक के साथ कोहली ने की थी।सेम यही चीज धोनी ने रायडू के साथ की थी, और सेम यही चीज खुद पांड्या भी कई बार कर चुका है।जबकि ऐसा करने में हमेशा रिस्क ज्यादा होता है, मतलब क्या जरूरत है, तोप के सामने खड़ा होने की? अरे भाई आराम से टीम गेम खेलो, सैफ रहो,फाइटर कहलाओ,दिल वगैरह जीतो। ये बेवजह की हीरोगिरी करने का क्या मतलब,कामयाब हुए तो उतनी ताली नहीं मिलनी जितनी गाली मिलती है नाकाम होने पर। लेकिन शायद इसीलिए ऐसे खिलाड़ी स्टैंडआउट करते है, डरते नहीं है, पीछे नहीं हटते है, क्यूंकि इनको फर्क ही नहीं पड़ता,कौन क्या सोचता है, उन्हें अपने आप पर भरोसा रहता है, अपने भरोसे ही खेलते है।अब फेल हुए हो तो,आलोचना तो होगी ही, और ये बात तो पंड्या को भी मालूम थी, बाकी मैच का क्या है, कभी विन है, कभी लन है…
IPL 2025 : कभी विन है, कभी लन है…

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