IPL 2025 : महेंद्र सिंह धोनी को मैन ऑफ द मैच दिया गया, महेंद्र सिंह धोनी बोल रहा है कि मुझे क्यों दिया किसी और को चाहिए, धोनी की जिंदगी में यही होता रहा है, धोनी न तो कभी मैच प्रेजेंटेशन में क्रेडिट लेता है, ना प्रेस कांफ्रेंस में,न ही ट्रॉफी लेते वक्त।पर लोग छाती पीटेंगे कि धोनी को क्यों दिया, धोनी को इसका क्रेडिट क्यों दिया, इसका क्रेडिट क्यों दिया, अरे मालिक, एमएस धोनी को क्रेडिट चाहिए ही नहीं, इसने कभी नहीं मांगा, न लिया, महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड फाइनल के बाद विराट और गंभीर की इनिंग का जिक्र किया, धोनी हमेशा ट्रॉफी में पीछे खड़ा रहा।अब तुम्हारे ब्रॉडकास्टर का, बिना इसका नाम लिए, बिना इसका गुणगान किए चैनल नहीं चलता या तो इसमें भी एमएस धोनी की गलती? धोनी ने कभी किसी खिलाड़ी को एक शब्द बुरा नहीं कहा, धोनी किसी के बारे में कोई बयान देने नहीं गया, पर अगर किसी का इसका गुणगान किए बिना, कमेंट्री करियर नहीं चलता, अगर किसी का महेंद्र सिंह धोनी का नाम लिए बिना, यूट्यूब पर कोई नहीं पूछता, कोई न्यूज चैनल पर बाइट देने नहीं बुलाता,तो वो भी धोनी की गलती है?
महेंद्र सिंह धोनी IPL के इतिहास में सबसे ज्यादा 17 बार प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने वाले कप्तान बन गए। आलोचक LSG के खिलाफ धोनी को मैन ऑफ द मैच चुने जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं। 167 के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी ने 11 गेंद पर 236 की स्ट्राइक रेट के साथ 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से 26* रन बनाए। छठे विकेट के लिए माही और शिवम दुबे के बीच 28 गेंद पर 57 रन की अटूट साझेदारी हुई। शिवम दुबे 116.22 की स्ट्राइक रेट के साथ 37 गेंद पर 3 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 43 बनाकर नॉट आउट रहे।
शिवम दुबे और नूर अहमद में से किसी एक को मैन ऑफ द मैच चुना जा सकता था, ऐसा आलोचकों का तर्क है। नूर अहमद ने 4 ओवर में सिर्फ 13 रन खर्च किए थे। शिवम दुबे बल्लेबाजी करते हुए फंस गए थे। धोनी ने आते ही आवेश खान के 16वें ओवर की अंतिम दो गेंद पर बैक टू बैक चौके लगाकर मैच में चेन्नई को वापस लाया। शार्दुल ठाकुर के 17वें ओवर की अंतिम धीमी गेंद पर वन हैंडेड सिक्सर भी निर्णायक रहा। महेंद्र सिंह धोनी का स्ट्राइक रेट बताता है कि उनकी पारी का इंपैक्ट क्या रहा। इंपैक्ट के आधार पर धोनी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना जाना बिल्कुल सही है।