IPL 2025 Final : आख़िरकार, 18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद वो दिन आ ही गया। एक सपना जो हर साल टूटता रहा, आज हकीकत बन गया। विराट कोहली ने अपने आईपीएल करियर में पहली बार ट्रॉफी उठाई और साथ ही उठीं अनगिनत भावनाएं, अनकहे जज़्बात, और टूटे हुए वादों की एक नयी तक़दीर।
2008 में जब IPL शुरू हुआ, तब एक युवा लड़का टीम में आया था – जुनून से भरा हुआ, आँखों में आग लिए हुए। उसने RCB को सिर्फ एक टीम नहीं, बल्कि अपना परिवार बना लिया। लेकिन हर साल उम्मीदें थीं, और हर साल नाकामी। RCB ने अब तक तीन बार फाइनल खेला था – 2009, 2011 और 2016 में, और तीनों बार हार का सामना करना पड़ा। विराट कोहली, जो 2016 में कप्तान थे और उस सीज़न में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे, तब भी ट्रॉफी से बस एक कदम दूर रह गए।
हर हार के बाद उनकी आँखों में एक अलग ही दर्द दिखता था। वो दर्द सिर्फ एक खिलाड़ी का नहीं था, बल्कि एक लीडर का था – जो अपनी टीम के लिए सब कुछ देने को तैयार था। सोशल मीडिया पर ट्रोल्स, आलोचना, और बार-बार टूटती उम्मीदें – सब कुछ सहते हुए विराट ने कभी हार नहीं मानी।
और अब, 2025 में, जब RCB ने पहली बार IPL ट्रॉफी अपने नाम की, तो विराट कोहली की आँखों से छलकते आँसू किसी भी शब्द से ज़्यादा कह गए। ये जीत सिर्फ एक मैच की नहीं थी – ये जीत थी विश्वास की, धैर्य की, और उस जुनून की जिसने विराट को मैदान पर कभी झुकने नहीं दिया।
आज हर RCB फैन के दिल की धड़कनें तेज़ हैं, और हर किसी की आँखें नम। लेकिन सबसे ज़्यादा भावुक वो इंसान है, जिसने 18 साल इस एक पल के लिए दिए।
विराट कोहली – आप सिर्फ एक महान खिलाड़ी नहीं, बल्कि हौसले की मिसाल हैं। ये ट्रॉफी आपकी थी, है और हमेशा रहेगी।