- IRCTC घोटाले में 7 जुलाई 2017 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था
- IRCTC मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत कुल चौदह आरोपी हैं
- सरकारी पद का भ्रष्ट दुरुपयोग, धोखाधड़ी षड्यंत्र करके सरकारी राजस्व की अवैधानिक क्षति
IRCTC Scam : लालू यादव एंड फैमिली को आईआरसीटीसी मामले में बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) में कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोप तय करने का आदेश सुनाया है. अदालत ने लालू यादव से पूछा- क्या आप अपना अपराध मानते हैं? इस पर लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार किया. कहा- मुकदमे का सामना करेंगे. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार के लिए ये बड़ा झटका है. इसका असर चुनाव में देखने को मिलेगा. लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी इस समय कोर्ट में मौजूद हैं. लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता समेत IRCTC घोटाले में 14 आरोपी हैं. लालू यादव आज व्हील चेयर पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे. कोर्ट परिसर खचाखच भरा हुआ नजर आया.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके परिवार पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC मामले में आरोप तय कर दिए हैं. स्पेशल जज विशाल गोगने सभी आरोपियों की मौजूदगी में IRCTC मामले में आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने कहा कि लालू यादव का सभी टेंडरों में दखल भी रहता था. इसको लेकर कई सबूत भी पेश किए गए हैं. सरकारी पद का भ्रष्ट दुरुपयोग, धोखाधड़ी, षड्यंत्र करके सरकारी राजस्व की अवैधानिक क्षति पहुंचाई गई. हालांकि लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल CBI जज विशाल गोगने ने IRCTC घोटाले मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने लालू पर IPC 420, IPC 120B प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) के तहत आरोप तय किए हैं.
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर 120 बी और 420 IPC के तहत ट्रायल चलेगा, जबकि लालू प्रसाद यादव के रेलवे मंत्री के पद पर रहने के चलते प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धाराओं में भी मामला चलाया जाएगा.
लालू ने आरोपों को बताया गलत
कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को खडे होने के लिए कहा और उनपर लगे आरोप बताए. हालांकि, राबड़ी और तेजस्वी पर प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट नहीं लगेगा. कोर्ट ने सभी पर जालसाजी का आरोप भी तय किया है. कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव से पूछा कि क्या वो आरोप स्वीकार करते हैं? गिल्टी प्लीड करते हैं? या ट्रायल का सामना करेंगे? लालू यादव ने कोर्ट में उनपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है.
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि ये भ्रष्टाचार का मामला है, वो आरोपियों की दलील से सहमत नहीं है. सुनवाई के दौरान CBI ने सबूतों की एक पूरी श्रृंखला पेश की है. कोर्ट ने माना लालू प्रसाद यादव की जानकारी में इस घोटाले की साज़िश रची गई. आरोपी मामले में व्यापक साज़िश में शामिल थे. इससे लालू परिवार को फायदा हुआ है. राबड़ी और तेजस्वी यादव को बेहद कम कीमत में जमीन मिली है.
लालू के अलावा भी कई लोग हैं केस में आरोपी
मामले में आरोपियों में IRCTC के पूर्व ग्रुप जनरल मैनेजर वीके अस्थाना, आर के गोयल, सुजाता होटल्स के निदेशक विजय कोचर और विनय कोचर भी शामिल है. मामले की सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनके खिलाफ CBI के पास पर्याप्त सबूत नही है और उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. CBI ने 28 फरवरी को अदालत में कहा था कि उसके पास अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
मामले में CBI का पक्ष क्या है
CBI का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009 के बीच) बिहार के लोगो को मुंबई, जबलपुर, कलकत्ता, जयपुर, हाजीपुर में ग्रुप D पोस्ट के लिए नौकरी दी गई इसके बदले में लोगो ने लालू प्रसाद के परिजनों या उनके स्वामित्व वाली कंपनी के नाम अपनी जमीन दी थी.
