Israel Iran Conflict : प्रेसिडेंट ट्रंप के बयान से ईरान में खलबली, कहा-तेहरान खाली करो

Bindash Bol
  • ईरान-इजराइल जंग के बीच अमेरिका का बड़ा फैसला

Israel Iran Conflict : ईरान और इजराइल की जंग अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है, जहां से लौटना मुश्किल लगता है. दोनों देशों की राजधानियों पर मिसाइलों की बारिश हो रही है और आम लोगों की जिंदगी तबाह हो चुकी है. इसी बीच अमेरिका ने एक बड़ा सैन्य कदम उठाया है. अमेरिका ने अपना सबसे ताकतवर युद्धपोत USS निमित्ज वियतनाम से अरब क्षेत्र के लिए रवाना कर दिया है. माना जा रहा है कि इसकी तैनाती ईरान के पास की जाएगी. यह फैसला बताता है कि वॉशिंगटन अब सीधे टकराव की ओर बढ़ रहा है. तो दूसरी तरफ G7 समिट के लिए कनाडा रवाना होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद ईरान में हड़कंप मच गया है.ट्रंप ने तेहरान के लोगों को शहर छोड़ने के लिए कहा है, इससे पहले से ही इजराइल द्वारा किए गए हमलों के बाद तेहरान में पलायन जारी है, जिससे सड़कों पर भारी जाम हो रहा है.

पिछले कुछ दिनों में ईरान ने हैदर और फतह मिसाइलों से इजराइल की राजधानी तेल अवीव पर 100 से ज्यादा हमले किए. तेल अवीव की सड़कों पर तबाही का मंजर है, लोग बंकरों में छिपे हैं और इमारतें खंडहर में बदल चुकी हैं. वहीं, इजराइल ने भी ईरान की राजधानी तेहरान पर जवाबी हमला किया. ईरान के कई सामरिक ठिकाने जैसे गृह मंत्रालय, न्याय मंत्रालय और मिलिट्री इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर तबाह हो गए. इस हमले में ईरान के इंटेलिजेंस चीफ और डिप्टी चीफ की मौत की खबर है.

ईरान ने बताया इजराइल का 3D ब्लूप्रिंट प्लान

ईरान ने तेल अवीव का 3D ब्लूप्रिंट जारी कर यह बता दिया है कि उसका अगला निशाना कौन से रणनीतिक ठिकाने होंगे. इसमें इजराइल के मिलिट्री रिसर्च सेंटर, रक्षा मंत्रालय, वॉर कमांड सेंटर, हेलिपैड और एयर ऑपरेशन हब तक शामिल हैं. यह ब्लूप्रिंट इस बात का संकेत है कि ईरान इस लड़ाई को जल्द खत्म करने के मूड में नहीं है, बल्कि अब वह निर्णायक हमले की ओर बढ़ रहा है.

अमेरिका के इस बड़े कदम से सकते में ईरान

अमेरिका का USS निमित्ज युद्धपोत ऐसे वक्त में अरब भेजा गया है जब हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. वियतनाम दौरे के बीच ही इस पोत को अचानक आदेश मिला कि वह खाड़ी क्षेत्र की ओर बढ़े. यह युद्धपोत परमाणु शक्ति से लैस है और इसके साथ अमेरिका के कई लड़ाकू विमान भी अरब भेजे जा सकते हैं. जानकारों का मानना है कि अमेरिका अब जंग में ‘ऑब्जर्वर’ नहीं बल्कि ‘पार्टिसिपेंट’ बनने जा रहा है.

G7 समिट के लिए कनाडा रवाना होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद ईरान में हड़कंप मच गया है. इजराइल और ईरान के एक दूसरे के ऊपर जारी हमलों के बीच ट्रंप ने एक पोस्ट में लिखा, “ईरान को उस ‘समझौते’ पर हस्ताक्षर करना चाहिए था जिस पर मैंने उन्हें हस्ताक्षर करने के लिए कहा था. यह कितनी शर्म की बात है, और मानव जीवन की बर्बादी है. सीधे शब्दों में कहें तो, ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता. मैंने यह बार-बार कहा है! सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!”

ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने की बात ट्रंप पहले भी कई बार कह चुके हैं. लेकिन उन्होंने इसबार लोगों से तेहरान खाली करने के लिए कहा है, जिसका मतलब है कि तेहरान पर कोई बड़े हमले की योजना बनाई जा रही है. पहले ही इजराइल तेहरान में कई बड़े हमले कर चुका है, जिनमें सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नागरिक इमारतें को भी निशाना बनाया गया था.

तेहरान में जारी है पलायन

इजराइल के जारी हमलों के बाद से ही तेहरान छोड़ कर लोग दूसरे शहरों में जा रहे हैं, जिसकी वजह से रविवार को सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बन गई थी. ट्रंप के बयान के बाद ये पलायन और बढ़ गया है.

ईरान-इजराइल युद्ध

शुक्रवार 13 जून को ईरान की न्यूक्लियर साइट और सैन्य ठिकानों पर इजराइल के हमले करने के बाद से दोनों देश एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. अपने 5 वे दिन में दाखिल हुई इस लड़ाई में ईरान के करीब 30 सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिकों समेत लगभग 230 लोगों की मौत हो गई है और 1200 से ऊपर घायल हैं. वहीं इजराइल में 24 से ज्यादा लोगों की मौत और लगभग 250 घायल हैं.

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