Israel Iran Conflict : अमेरिका ने अपने सैन्य टैंकर विमानों (KC-135, KC-46) की बड़ी संख्या को यूरोप और मध्य पूर्व की ओर रवाना कर दिया है। लगभग 31 से अधिक टैंकर विमानों को अमेरिका से यूरोप भेजा गया है, जिनका उद्देश्य अमेरिकी फाइटर जेट्स और अन्य सैन्य विमानों को लंबी दूरी तक ऑपरेट करने में मदद करना है। साथ ही, USS Nimitz और USS Carl Vinson जैसे न्यूक्लियर पावर एयरक्राफ्ट कैरियर भी खाड़ी क्षेत्र में तैनात किए जा रहे हैं।
हाल ही में इज़राइल के हमलों में ईरान के सुप्रीम लीडर “अयातुल्ला अली खामेनेई” के कई प्रमुख सैन्य सलाहकार और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ अधिकारी मारे गए हैं, जिससे उनके सलाहकार मंडल में भारी कमी आई है।
कहा जा रहा है कि इन कारणों से खामेनेई की मानसिक और शारीरिक स्थिति भी बिगड़ गई है।
इस समय उनकी स्थिति नाजुक है जिसे देखते हुये उन्हें कई अहम फैसलों से दूर कर दिया गया है। अब देश की रणनीतिक कमान मुख्य रूप से उनके दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के हाथों में बताई जा रही है।
अमेरिका की सैन्य तैनाती केवल रक्षात्मक नहीं दिखती, बल्कि #रणनीतिक रूप से ईरान पर दबाव बनाने और उसकी सैन्य गतिविधियों को सीमित करने के लिए है।
दो दो एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स, दर्जनों टैंकर विमानों, मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स और अतिरिक्त #फाइटर जेट्स की मौजूदगी से यह स्पष्ट है कि अमेरिका क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को काफी मजबूत कर रहा है। साथ ही, डिएगो गार्सिया जैसे बेस पर भी सैन्य जमावड़ा बढ़ाया गया है, जिससे ईरान को चारों ओर से घेरने की रणनीति झलकती है।
अमेरिका की आक्रामक सैन्य तैनाती और ईरान की आंतरिक अस्थिरता, दोनों मिलकर पूरे क्षेत्र में भूचाल ला सकती हैं।
ख़ामेनेई युग का अंत और सत्ता संघर्ष, ईरान की राजनीति को अनिश्चितता की ओर धकेल सकता है।