Jharkhand : रातू रोड एलिवेटेड फ्लाईओवर : शहर को रफ्तार, एलिवेटेड कॉरिडोर और फ्लाईओवर में अंतर

Sushmita Mukherjee

Jharkhand : आखिरकार रांची वालों को वर्षों बाद रातू रोड एलिवेटेड फ्लाईओवर मिल गया है.. फ्लाईओवर काफी खूबसूरत लग रहा है.. कोरिडोर का निर्माण 558 करोड़ की लागत से हुआ है.. 4.17किमी लम्बा है फ्लाईओवर… फोर लेन वाला रोड NH 75 में आगे निकलता है जो मांडर, लोहरदगा, पलामू की ओर जाता है.. एक रोड NH 23 ईटकी होते हुए गुमला रोड में जाता है..
अब जान लेते हैं एलिवेटेड कॉरिडोर’ और ‘फ्लाईओवर’ के बीच क्या अंतर होता है.. .. एलिवेटेड कॉरिडोर और फ्लाईओवर के बीच बहुत बड़ा फर्क होता है..

आमतौर पर फ्लाईओवर की लंबाई बहुत अधिक नहीं होती है. जबकि एलिवेटेड कॉरिडोर काफी लंबा होता है. वहीं, दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि फ्लाईओवर किसी रेलवे लाइन, चौराहे या ट्रैफिक जाम वाले पॉइंट पर ट्रैफिक को ऊपर से निकालने के लिए बनाया जाता है. जबकि एलिवेटेड कॉरिडोर एक लंबी, ऊंची सड़क होती है जो आमतौर पर एक मुख्य सड़क के साथ-साथ चलती है, और इसका मुख्य उद्देश्य यातायात को सुगम बनाना और भीड़भाड़ को कम करना होता है.

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