Jharkhand 46th Foundation Day : झारखंड मुक्ति मोर्चा के 46वें स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका के गांधी मैदान में झंडोतोलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उन्होंने शहीदों के बलि बेदी पर पुष्प भी अर्पित किए. इसके बाद सीएम ने केंद्र सरकार की नीयत और नीति पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जो राज्य अपनी खनिज सम्पदा के बल पर पूरे देश को चलाता है, आज उसे सामंतवादी सोच के कारण पीछे धकेल दिया गया.
केंद्र सरकार को केवल पूंजीपतियों की चिंता: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर झारखंड की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा और रेल रेवेन्यू से इस राज्य से केंद्र सरकार को बड़ा राजस्व मिलता है लेकिन हमें कुछ नहीं मिलता है. केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए बजट में झारखंड के लोगों के लिए नहीं सोचा गया, बल्कि उन्होंने देश के पूंजीपतियों की चिंता की. योजनाबद्ध तरीके से कुछ सामंतवादी लोगों ने झारखंड को पिछड़ा राज्य बनाने का ठेका ले रखा है. केंद्र सरकार सभी प्रदेशों के माई-बाप है. उन्हें तो सब पर बराबर नजर रखनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि आयकर में छूट दी गई, इसे राज्य के गरीब लोगों को क्या फायदा मिलेगा. बजट में कहा गया कि खिलौना बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहित करेंगे, क्योंकि ऐसी कंपनियां अडानी और अंबानी की ही हैं. इसका मतलब है कि वह अपने व्यापारिक मित्र को लाभ पहुंचाना चाहते हैं. उनलोगों के पास शब्द कोष और जुमलों का भंडार है.
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि हाल में नीति आयोग ने जो रिपोर्ट पेश किया है, उसमें आर्थिक प्रबंधन में झारखंड चौथे स्थान पर है. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि हमलोगों ने झारखंड को काफी आगे लाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देने का काम किया तो केंद्र सरकार के नेताओं ने कहा कि मुफ्त की रेवड़ी बांट रहे हैं. इस तरह की घोषणा उन्होंने दिल्ली चुनाव में भी किया है तो इसका क्या मतलब है.
आदिवासी लोग यहां आएं, हम बसाएंगे: हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि असम में आज झारखंड के 20 प्रतिशत आदिवासी समाज के लोग रहते हैं लेकिन उन्हें वहां आदिवासी का दर्जा प्राप्त नहीं है. उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है. संथाली भाषा में उन्होंने मंच से ऐलान करते हुए कहा कि देश के किसी कोने में जहां आदिवासी समाज के लोग रह रहे हैं आप यहां आइए, हम आपको बसाएंगे.
इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी और भाई बसंत सोरेन समेत तमाम विधायक और सांसदों ने लोगों को संबोधित किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन और भाई सह दुमका विधायक बसंत सोरेन ने आंदोलन का एलान किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास जो कुल 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, उसे पाने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.
हो जाएं हूल के लिए तैयारः कल्पना सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार के पास झारखंड का जो एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाया है, उसे पाने के लिए आप सभी हूल (आंदोलन) के लिए तैयार रहें. झारखंड की यह धरती आंदोलन और संघर्ष की धरती है. गुरुजीे शिबू सोरेन ने पहले महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन किया फिर पृथक झारखंड की मांग को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी.
उन्होंने कहा कि अभी भी आंदोलन थमा नहीं है. हमारा आंदोलन अपने बकाया राशि की प्राप्ति को लेकर होगा. केंद्र सरकार की नजर यहां की खनिज संपदा पर है और वह इसे लूटना चाहती है. जब डबल इंजन की सरकार थी तब ना जाने कितना लूटा भी.
कल्पना सोरेन ने कहा कि बीजेपी ने साजिश कर हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया. लेकिन आप सब जनता ने हम पर विश्वास जिताया और दोबारा हमें सेवा करने का मौका दिया है. आने वाले दिनों में हमलोग झारखंड से निकल कर देश के अन्य राज्यों में भी अपनी पार्टी का विस्तार करेंगे.