Jharkhand Election : 31 जनवरी 2024 की रात रांची के ईडी कार्यालय के बाहर पहली बार कल्पना सोरेन का चेहरा मीडिया में फ्लैश हुआ. कल्पना यहां अपने पति हेमंत सोरेन के लिए खाना और दवा लेकर पहुंची थीं, जिन्हें कुछ ही घंटे पहले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था.
इस घटना के करीब 300 दिन बाद यानी 23 नवंबर 2024 को रांची एयरपोर्ट से कल्पना की एक और तस्वीर सामने आई. यह तस्वीर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शेयर की. हेमंत ने कल्पना की तस्वीर को ‘हमारे स्टार कैंपेनर का स्वागत’ लिखकर शेयर किया.
इसके बाद जीत को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए हेमंत सोरेन ने कल्पना को अपने बगल में बैठाया. सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि अपने इस कदम से हेमंत ने पार्टी के भीतर और बाहर बड़ा संदेश दे दिया है.
Jharkhand Election : मुख्यमंत्री की रेस भी शामिल हुईं कल्पना
झारखंड में फिलहाल हेमंत सोरेन भले ही खुद मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन कल्पना की ट्रेनिंग और रिजल्ट जिस तरह का रहा है, उससे कहा जा रहा है कि भविष्य के लिए जेएमएम ने सीएम का फ्रंटरनर तैयार कर लिया है.
जनवरी 2024 में हेमंत के जेल जाने के वक्त सोरेन परिवार के पास कोई भी सर्वमान्य चेहरा नहीं था. इसकी वजह से बाहर के चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन चुनाव से पहले चंपई पलटी मार गए.
जेएमएम से जुड़े लोगों का कहना है कि अब किसी भी विपरित परिस्थिति में कमान संभालने के लिए कल्पना तैयार हो गई हैं. हेमंत वर्तमान में जमानत पर बाहर चल रहे हैं. उनके खिलाफ ईडी की जांच चल रही है.
CM की पत्नी से सीएम मटेरियल कैसे बनीं?
- कल्पना ने लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति में कदम रखने का फैसला किया. लोकसभा चुनाव के दौरान संगठन का काम छोड़ कल्पना ने लोगों के बीच जाने का फैसला किया. उस वक्त चंपई सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री थे. कल्पना पूरे लोकसभा चुनाव में झारखंड में हेमंत को न्याय दिलाने का कैंपेन शुरू किया.
कल्पना इसके लिए प्रतिदिन 3-4 रैलियां करती थीं. खुद की गांडेय सीट पर कल्पना देर रात को प्रचार करती थीं. कल्पना की मेहनत रंग लाई और लोकसभा चुनाव में सभी आदिवासी बहुल सीटों पर इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल कर ली.
- लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हेमंत काबिज हो गए. कल्पना इस दौरान संगठन के छोटे-छोटे कामों में उलझी रहीं. अगस्त महीने में कल्पना ने महिलाओं के लिए एक कैंपेन की शुरुआत की.
कल्पना इस दौरान अपने साथ महिला नेताओं को रखती थीं. कल्पना की यह रैली खूब सुर्खियों में रही. जेएमएम ने इस रैली का नाम मंईयां सम्मान दिया था.
- विधानसभा के चुनाव में कल्पना ने पति हेमंत की तरफ से मोर्चा संभाला. कल्पना एक दिन में 5-5 रैलियां करने लगीं. जेएमएम के मुताबिक पूरे झारखंड चुनाव में कल्पना ने 100 से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया. कल्पना अपने भाषण में महिला सम्मान, आदिवासी अस्मिता को फोकस में रखा.
स्थानीय भाषा में बात करने और लोगों के बीच में आसानी से पहुंचने की वजह से कल्पना की लोकप्रियता बढ़ती चली गई. कल्पना ने पूरे कैंपेन के दौरान निगेटिव और विवादित बयानों से दूरी बनाए रखा.
- हेमंत सोरेन के जेल जाने के वक्त उनकी भाभी पार्टी में महिला फेस थी. सीता सोरेन के पास जेएमएम के भीतर केंद्रीय महासचिव का भी पद था, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले सीता ने पाला बदल लिया. सीता बीजेपी में शामिल हो गईं.
सीता के बीजेपी में जाने से कल्पना की राह आसान हो गई. सीता सोरेन के पति दुर्गा सोरेन कभी शिबू सोरेन के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाते थे.
अब कल्पना सोरेन की कहानी
ओडिशा के मयूरभंजन की मूल निवासी कल्पना का जन्म पंजाब के कपूरथला में हुआ है. कल्पना ने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई केंद्रीय विद्यालय से की है. कल्पना के पास इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री भी है. राजनीति में आने से पहले कल्पना एजुकेशन के क्षेत्र में काम करती थीं.
कल्पना और हेमंत की शादी साल 2006 में हुई थी. 2024 के उपचुनाव में कल्पना गांडेय सीट से मैद न में उतरी थीं. यहां से जीतकर वे विधायक चुनी गई थीं. इस बार भी कल्पना गांडेय से ही जीतकर सदन पहुंची हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक पति हेमंत सोरेन से कल्पना अमीर हैं. कल्पना की कुल संपत्ति 5 करोड़ से ज्यादा है, जबकि हेमंत की कुल संपत्ति 2.59 करोड़ के आसपास है.