Kashmir Terror Attack : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मृतकों की संख्या बढ़ गई है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। इन 26 लोगों में 25 पर्यटक हैं और एक स्थानीय नागरिक है। मरने वालों में भारतीय मूल के 2 विदेशी नागरिकों की भी जान गई है।
आतंकियों ने पर्यटकों पर 50 से ज्यादा राउंड फायरिंग की है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली से श्रीनगर पहुंचे हैं। वह आतंकी हमले वाली जगह भी जाएंगे। इस आतंकी हमले को लेकर पीएम मोदी ने अमित शाह से फोन पर भी बात की है। जम्मू-कश्मीर के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पहलगाम आतंकी घटना पर सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
आतंकियों को मारने के लिए ऑपरेशन शुरू
मिली जानकारी के मुताबिक, इतने बड़े आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खात्मे के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। भारतीय सेना विक्टर फोर्स और स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी और सीआरपीएफ द्वारा ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान घटनास्थल पर मौजूद हैं। सेना के अधिकारी भी अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
आतंकी हमले की खबर सामने आने के फौरन बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें सेना और इंटेलिजेंस के बड़े अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग में हमले के बाद की स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। मीटिंग के बाद अमित शाह कश्मीर के लिए रवाना हो गए।
कैसे हुआ इतना बड़ा हमला?
दोपहर 2.30 बजे 2-3 की संख्या में आतंकी पहुंचे और उन्होंने सैलानियों के आइडेंटिटी कार्ड देखना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस मौके पर एक सेना अधिकारी भी मौजूद था, जो अपने साथ परिवार को लेकर यहां घूमने आया था। उसने वहां मौजूद लोगों को बचाया और आड़ ली। आतंकवादियों ने लोगों से नाम पूछकर उनकी गोली मारकर हत्या की।
ये पूरी घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसराणा में घटी। इस आतंकी हमले से देशभर में हड़कंप मच गया है और पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत देश के तमाम बड़े नेताओं ने इस घटना की निंदा की है।
इस कुख्यात आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने इस खूबसूरत पर्यटन स्थल की शांति को भंग कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी कि TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भयावह आतंकी हमले में कम से कम 26 पर्यटक मारे गए हैं जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। हमले के दौरान आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोलीबारी की, जिसने इस घटना को लेकर चिंता और बढ़ा दी है।
चश्मदीद का दिल दहलाने वाला बयान
हमले की चश्मदीद एक महिला पर्यटक ने बताया कि आतंकियों ने पहले लोगों से उनका धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। महिला ने पीसीआर कॉल पर रोते हुए कहा, ‘मैं वहां भेलपूरी खा रही थी, मेरा पति पास में था। एक आतंकी आया, उसने मेरे हाथ में चूड़ा देखा और मेरे पति से उनका मजहब पूछा। फिर उसे गोली मार दी।’ महिला ने बताया कि आतंकियों ने 3 से 5 मिनट तक गोलीबारी की और फिर फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक, यह हमला पहलगाम के उस क्षेत्र में हुआ जहां पर्यटक अक्सर ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियों के लिए आते हैं। आतंकियों ने अचानक पर्यटकों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों का त्वरित एक्शन
हमले के बाद भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और सीआरपीएफ ने इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। आतंकियों की तलाश में इलाके को को घेर लिया गया है, और सुरक्षा बल उनकी धरपकड़ के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें कि यह संगठन हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
क्या है TRF? कैसे करता है काम?
TRF एक आतंकी संगठन है, जो 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद उभरा। यह पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक तरह से दूसरा नाम है। TRF ने नागरिकों, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदायों जैसे कश्मीरी पंडितों, सरकारी कर्मचारियों, और पर्यटकों पर लगातार हमले किए हैं। यह संगठन भारतीय सुरक्षा बलों पर भी हमले करता है। TRF गैर-धार्मिक प्रतीकों का उपयोग कर स्वयं को धर्मनिरपेक्ष दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन इसका लक्ष्य कश्मीर में आतंक फैलाना है।