Kavya gosthi : कवि अपनी कृतियों में सदैव कृतिकार के रूप में उपस्थित रहता है : निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव

Bindash Bol
  • घटा गिरी के कविता संग्रह ‘मेरी अस्मिता’ का विमोचन सह काव्य गोष्ठी संपन्न

Kavya gosthi : झारखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच के तत्वावधान में शनिवार को होटल सिटी पैलेस में कवयित्री घटा गिरी के प्रथम कविता संग्रह ‘मेरी अस्मिता’ का विमोचन सह काव्य गोष्ठी संपन्न हुआ। इसकी अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और मंच के उपाध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि कवि अपनी कृतियों में सदैव कृतिकार के रूप में उपस्थित रहता है। संग्रह का नाम ‘मेरी अस्मिता’ बड़ा ही सार्थक और अर्थपूर्ण है। कार्यक्रम का शुभारंभ मंच के सचिव बिनोद सिंह गहरवार के कुशल मंच संचालन में डॉ राजश्री जयंती के सरस्वती वंदना से हुआ। दीप प्रज्वलन के बाद पुस्तक का विमोचन हुआ। डॉ माया प्रसाद, डॉ० जंग बहादुर पांडेय एवं सुरिन्दर कौर नीलम ने संग्रह पर अपने विचार व्यक्त रखे। घटा गिरी ने अपनी लेखकीय प्रेरणा एवं पुस्तक के बारे बताया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ० माया प्रसाद, डॉ० जंग बहादुर पांडेय एवं सुरिन्दर कौर नीलम, निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव, विजय राजगढ़िया एवं मेरी अस्मिता की लेखिका घटा गिरी को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। मौके पर सिद्धेश्वर काश्यप भी मौजूद थे। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम के दूसरे चरण में कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। ममता मनीष सिन्हा के संचालन में काव्य गोष्ठी का शुभारंभ हुआ जिसमें कवियों ने कविता, गीत एवं गजलों से समां बांध दिया। शहर के जाने माने गजलकार हिमकर श्याम ने अपनी ग़ज़ल से लोगों को मंत्र मुग्ध किया, सुरिन्दर कौर नीलम की कविता सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। कुमार बृजेन्द्र, प्रतिभा सिंह, आसित कुमार, कृष्णा विश्वकर्मा बादल, अजीत कुमार, कामेश्वर सिंह कामेश, नेहाल सरैयावी, नरेश बंका, रेनू झा रेणुका, राजश्री जयंती आदि कवि-कवयित्रियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। धन्यवाद ज्ञापन मंच के कोषाध्यक्ष कृष्णा विश्वकर्मा बादल ने किया।

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