Kotilingeshwara Temple: महादेव के इस मंदिर में हैं 1 करोड़ से ज्यादा शिवलिंग, जानें क्या है इसकी मान्यता

Bindash Bol
  • एक करोड़ से ज्यादा शिवलिंग वाला मंदिर
  • भगवान इंद्र को ऋषि गौतम ने श्राप दिया था, और इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित किए.

Kotilingeshwara Temple: इंद्र ने इस मंदिर में शिवलिंग कीसावन के पावन दिन चले रहे हैं, ऐसे में शिव मंदिर में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानि भोले शंकर को ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में देखा जाता है। भारत के हर कोने में भगवान शिव को महाकाल, महादेव, महाकालेश्वर, संभु, नटराज, भैरव न जाने कितने नामों से जाना जाता है। इन्हीं में से एक है देशभर में प्रसिद्ध ‘श्री कोतिलिंगेश्वारा स्वामी मंदिर’ जो कर्नाटक के कोलकार के कमसमंद्रा गांव में मौजूद है। आज हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताने वाले हैं, जिनके बारे में आप शायद ही जानते हहोंगे एक बात आपको जानकार हैरानी होगी कि यहां 1 करोड़ से भी शिवलिंग मौजूद हैं।

कोतिलिंगेश्वारा स्वामी मंदिर का इतिहास

कई लोगों का मानना है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण संभा शिव मूर्ती और उनकी पत्नी वी रुक्मणि ने करीबन वर्ष 1980 के आसपास किया था। कहते हैं कि शुरुआत में ये जगह पहले पांच शिवलिंग के स्थापित की गई थी। फिर धीरे -धीरे यहां 100 शिवलिंग, फिर एक हजार शिवलिंग और फिर ऐसे करते-करते यहां आज करीबन 1 करोड़ से अधिक शिवलिंग स्थवित हैं। वैसे आपको बता दें, 2018 में संभा शिव मूर्ती का निधन हो गया था, तब से यहां मौजूद उनके अधिकारी शिवलिंग को लगाते रहते हैं। कहा जाता है कि स्वामी जी की इच्छा थी कि यहां करोडो शिवलिंग की स्थापना की जाए।

क्या है मान्यता

इस मंदिर को लेकर वैसे तो कई मान्यताएं हैं, लेकिन सबसे ज्यादा एक चीज़ के बारे में इस मंदिर की खूब चर्चा होती है, वो ये है कहते हैं कि इंद्रा भगवान ने गौतम ऋषि के शाप से मुक्ति पाने के लिए इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना की थी। जिसके बाद इस जगह को भारत में कोटिलिंगेश्‍वर के नाम से जानते हैं। कहा जाता है कोई भी भक्त यहां आता है, वो अपने नाम का शिवलिंग स्थापित कर सकता है।

मंदिर का आकार शिवलिंग के रूप

जानकारी के लिए आपको बता दें, मूर्ती के रूप में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई करीबन 108 फीट है। कहते हैं कि अगर कोई भी शिव भक्त इस मंदिर में शिवलिंग स्थपित करना चाहता है, वो 1 फीट से लेकर 3 फीट तक की शिवलिंग को अपने नाम से स्थापित कर सकता है। सावन, शिवरात्रि के दिनों में तो यहां भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल सकती है। कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में रहती है। माना जाता है कि यहां के एक पेड़ पर पीला धागा बांधने से भी मनोकामना पूर्ण होती है।

11 अन्य प्रमुख मंदिर

इस मंदिर के अलावा यहां 11 और मंदिर भी हैं, जो काफी प्रसिद्ध हैं। इन 11 मंदिरों में ब्रह्माजी, विष्णुजी राम-लक्ष्मण-सीता और वेंकटरमानी स्वामी इस परिसर में मुख्य मंदिर है।

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