Mahakumbh 2025: महाकुंभ के आखिरी स्नान के दिन जरूर पढ़ें यह शिवजी का स्तोत्र, महादेव होंगे प्रसन्न

Sanat Kumar Dwivedi

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ का आखिरी स्नान 26 फरवरी को आयोजित होने वाला है। यह दिन बेहद खास है क्योंकि इसी दिन महाशिवरात्रि का पर्व भी मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह स्नान फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ेगा। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव ने निराकार रूप से साकार रूप लिया था और इसी दिन शिव-शक्ति का मिलन हुआ था। इसलिए शिव भक्त इस दिन को बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस दिन भक्त भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं और रात्रि जागरण भी करते हैं। इस दौरान भक्तों को भगवान शिव के पञ्चाक्षर स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए…

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय॥१॥

मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,
तस्मै म काराय नमः शिवाय॥२॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै शि काराय नमः शिवाय॥३॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,
तस्मै व काराय नमः शिवाय॥४॥

यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै य काराय नमः शिवाय॥५॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

पञ्चाक्षर स्तोत्र के लाभ

माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अगर कोई जातक इसका पाठ सच्चे मन से करता है तो उसके सभी असंभव कार्य भी संभव हो जाएंगे।

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